BJP Congress

  • विधानसभा उपचुनाव: हिमाचल में कांग्रेस ने 2 और भाजपा ने एक सीट पर किया कब्जा

    शिमला। हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की झोली में एक सीट गई। राज्य में तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर में उपचुनाव 10 जुलाई को हुए थे और आज सुबह मतगणना हुई। चुनाव विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि देहरा और नालागढ़ विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जबकि हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया। देहरा (AC) में भाजपा के होशियार सिंह कांग्रेस...

  • मनमर्जियों-बदज़ुबानियों के बीच बदचलन होती सियासत…

    भोपाल। देश को विचित्र राजनीतिक दौर में धकेलने की कोशिशें होती दिख रही हैं। हालात ऐसे बन रहे है कि संसद से सड़क तक दुविधा, आक्रमकता अराजकता का वातावरण पनपता दिख रहा है। लोकसभा से लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा तक में दलों और नेताओं के बीच रिश्तों में सदन चलाने को लेकर समन्वय-सदभाव कम तल्ख़ी और शत्रुता का भाव ज्यादा दिखा। सदनों में पब्लिक प्रॉब्लम कम पॉलिटिकल टारगेट किलिंग की कूटनीति ज्यादा दिखी। मीडिया में भी सच बोलना और लिखना हर दिन कठिन होता जा रहा है।कभी सदन में जय फलीस्तीन के नारे लगते हैं तो कभी जय हिंदू राष्ट्र। यद्द्पि...

  • कर्नाटक में मतदान बढ़ने का मतलब

    आमतौर पर राजनीति में माना जाता है कि मतदान तभी बढ़ेगा, जब बहुत अच्छी लड़ाई हो या कोई बहुत अच्छा मुद्दा हो। इस बार देश के चुनाव में न तो बहुत अच्छी लड़ाई दिख रही है और न कोई बहुत बड़ा मुद्दा दिख रहा है। यही कारण है कि पूरे देश में लोकसभा की 283 सीटों पर मतदान के बाद भी मत प्रतिशत पिछली बार से कम दिख रहा है। तमाम पार्टियों के प्रयासों के बावजूद मतदान प्रतिशत में इजाफा नहीं हो रहा है। पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़ दें तो हर जगह औसत मतदान हो रहा है। ज्यादातर...

  • सीधी लड़ाई में अन्य की भूमिका

    अगले महीने, जिन पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं उनमें हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हमेशा आमने-सामने की लड़ाई होती है। दशकों से चुनावी मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच होता है। इन तीनों राज्यों में कोई भी मजबूत प्रादेशिक पार्टी नहीं है और किसी राष्ट्रीय पार्टी की भी मजबूत मौजूदगी नहीं है। इसके बावजूद यह एक दिलचस्प तथ्य है कि इन तीनों राज्यों में अन्य एक बड़ा फैक्टर होते हैं। अन्य का मतलब है कि छोटी पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवार। वे चुनाव नतीजों पर बड़ा असर डालते हैं...

  • हिंदू मुसलमान से हटकर जाति जनगणना बना मुख्य मुद्दा!

    क्या मध्य प्रदेश से फिर साबित हो रहा है कि अब चुनाव धर्म को मुद्दा बनाकर नहीं जीते जा सकते? कर्नाटक ने तो अभी बताया ही था। वहां प्रधानमंत्री बजरंग बली को चुनाव में ले आए। धार्मिक उन्माद बढ़ाने की हर संभव कोशिश की मगर जनता हिंदू मुसलमान में नहीं फंसी। मध्य प्रदेश में यह बात मोदी जी की समझ में आ गई है। इसलिए उन्होंने इस मुद्दे पर जाने के बदले पार्टी की सबसे बड़ी तोपें अचानक मध्य प्रदेश के चुनावी मैदान में उतार दीं। भक्त और गोदी मीडिया इससे भी खुश हो गए कि वाह क्या चौंकाया मोदी...

  • बाबू समझो इशारे

    क्या मध्य प्रदेश से फिर साबित हो रहा है कि अब चुनाव धर्म को मुद्दा बनाकर नहीं जीते जा सकते? कर्नाटक ने तो अभी बताया ही था। वहां प्रधानमंत्री बजरंग बली को चुनाव में ले आए। धार्मिक उन्माद बढ़ाने की हर संभव कोशिश की मगर जनता हिंदू मुसलमान में नहीं फंसी। मध्य प्रदेश में यह बात मोदी जी की समझ में आ गई है। इसलिए उन्होंने इस मुद्दे पर जाने के बदले पार्टी की सबसे बड़ी तोपें अचानक मध्य प्रदेश के चुनावी मैदान में उतार दीं। भक्त और गोदी मीडिया इससे भी खुश हो गए कि वाह क्या चौंकाया मोदी...

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