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  • दो चरणों में पूरी होगी जनगणना, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। राजपत्र में बताया गया है कि जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि पहला चरण 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च, 2027 से शुरू होगा। अधिसूचना में कहा गया, "केंद्रीय सरकार, जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत के राजपत्र असाधारण, भाग 2, खंड...

  • ना से देर भली!

    जनगणना कराने का फैसला स्वागतयोग्य है। जनगणना एकमात्र प्रक्रिया है, जिससे ना सिर्फ देशवासियों की सही संख्या का पता चलता है, बल्कि लोगों की आर्थिक- सामाजिक स्थिति के प्रामाणिक आंकड़े भी प्राप्त होते हैँ। बाकी सभी आंकड़े सैंपल सर्वे पर आधारित होते हैं।  ठोस आंकड़ों से गुरेज और कृत्रिम आंकड़ों में अधिक रुचि लेने के लिए चर्चित नरेंद्र मोदी सरकार ने आखिरकार जनगणना कराने का फैसला किया है। यह स्वागतयोग्य है। जनगणना एकमात्र प्रक्रिया है, जिससे ना सिर्फ देशवासियों की सही संख्या का पता चलता है, बल्कि लोगों की आर्थिक- सामाजिक स्थिति के प्रामाणिक आंकड़े भी प्राप्त होते हैँ। बाकी...

  • संसदीय कमेटी ने जनगणना के लिए कहा

    जनगणना का मामला कहां अटका हुआ है किसी को पता नहीं चल रहा है। पिछले एक साल से ज्यादा समय से कहा सुना जा रहा है कि जल्दी ही जनगणना की अधिसूचना जारी होगी। जनगणना 2021 में होनी थी, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई थीं। लेकिन 2020 के मार्च में कोरोना महामारी की वजह से देश भर में लॉकडाउन के साथ ही इसे टाल दिया गया। तब से सारे कामकाज सुचारू रूप से हो रहे हैं लेकिन जनगणना नहीं हुई। विपक्षी पार्टियों के साथ साथ अब संसद की एक स्थायी समिति ने भी जल्दी से जल्दी जनगणना कराने को कहा...

  • जनगणना की चर्चा फिर थम गई

    देश में इस समय पशुधन गणना हो रही है। इसका खूब प्रचार रेडियो पर किया जा रहा है। 21वीं पशुधन गणना पिछले साल अक्बूटर में शुरू हुई, जो फरवरी तक चलेगी। इसके प्रचार में लोगों से कहा जा रहा है कि वे आगे आएं और अपने पशुओं की गिनती कराएं क्योंकि पशुधन गणना के सही आंकड़े सरकार के पास होंगे तभी नीतियां बनाई जा सकेंगी। सोचें, पशुओं की गिनती सरकार को इसलिए जरूरी लग रही है क्योंकि उसके बगैर नीतियां बनाने में कठिनाई हो रही है या लक्षित नीतियां नहीं बन पा रही हैं। लेकिन क्या ऐसी ही चिंता जनधन...