Sunday

23-03-2025 Vol 19

जनगणना की चर्चा फिर थम गई

देश में इस समय पशुधन गणना हो रही है। इसका खूब प्रचार रेडियो पर किया जा रहा है। 21वीं पशुधन गणना पिछले साल अक्बूटर में शुरू हुई, जो फरवरी तक चलेगी। इसके प्रचार में लोगों से कहा जा रहा है कि वे आगे आएं और अपने पशुओं की गिनती कराएं क्योंकि पशुधन गणना के सही आंकड़े सरकार के पास होंगे तभी नीतियां बनाई जा सकेंगी। सोचें, पशुओं की गिनती सरकार को इसलिए जरूरी लग रही है क्योंकि उसके बगैर नीतियां बनाने में कठिनाई हो रही है या लक्षित नीतियां नहीं बन पा रही हैं। लेकिन क्या ऐसी ही चिंता जनधन के लिए है? भारत में जनगणना 2011 के बाद नहीं हुई है। पशुओं की गणना तो 2019 में भी हुई थी और पांच साल बाद नियत समय पर फिर शुरू हो गई लेकिन जनगणना कब होगी?

पिछले साल के आखिर में कहा जा रहा था कि जल्दी ही इसकी अधिसूचना जारी होने वाली है। 2025 को जनगणना का साल बताया जा रहा था। लेकिन 2025 का पहला महीना समाप्त होने की बढ़ रहा है और अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। केंद्र से लेकर राज्यों तक में सरकारें एक के बाद एक जन कल्याण की लोक लुभावन योजनाएं घोषित कर रही हैं। मुफ्त की सेवाएं और वस्तुएं बांटी जा रही हैं। नकद पैसे खातों में डाले जा रहे हैं और सरकार के पास आबादी का वास्तविक आंकड़ा ही नहीं है। सारी नीतियां 14 साल पुराने आंकड़ों के आधार पर बनाई जा रही हैं। सरकार ने पहले कोरोना महामारी की वजह से जनगणना टाली और उसके बाद जाति गणना के हल्ले को देखते हुए लोकसभा चुनाव तक उसे टाल दिया। लेकिन अब तो सरकार को जनगणना करा लेनी चाहिए।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *