पटाखे चलाना भी धर्म का काम!
इस साल भी और पिछले कई सालों से दिवाली के मौके पर ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ से ज्यादा ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ के संदेश देखने को मिले। अंधकार से प्रकाश की ओर चलने या असत्य से सत्य की ओर बढ़ने से ज्यादा हर व्यक्ति धर्म की रक्षा को आतुर दिखा और धर्म की रक्षा कैसे होगी? पटाखे चला कर! पिछले साल और उससे पहले कई साल दिवाली के अवसर पर पटाखे इसलिए चलाए गए क्योंकि सर्वोच्च अदालत को दिखाना था कि हिंदू अदालत के आदेश को नहीं मानता है, बल्कि धर्म की रक्षा के लिए उसकी अवहेलना करने में भी नहीं हिचकता...