indian economy

  • मध्य वर्ग की मुश्किलें

    महंगाई और सामान्य आमदनी ना बढ़ने से ग्रस्त भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे पहली चोट 50,000 रुपये मासिक से कम आय वाले परिवारों पर पड़ी। अब 50 हजार से एक लाख रुपए आमदनी के बीच वाले परिवार प्रभावित हो रहे हैं। बाजार की एजेंसियां जब मध्य वर्ग के ह्रास की बातें करने लगें, तो समझा जा सकता है कि आर्थिक संकट कितना गहरा हो चुका है। मध्य वर्ग किसी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। यही तबका है, जिसके उपभोग की आकांक्षाएं लगातार बढ़ रही होती हैं। मध्य वर्ग का आकार बढ़ रहा हो, तो अर्थव्यवस्था में मांग, निवेश, उत्पादन और वितरण...

  • मोदी: भारत विश्व के लिये आदर्श, देश तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था!

    नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक अनिश्चितताओं के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन को विश्व के लिये एक आदर्श बताते हुये मंगलवार को कहा कि भारत महामारी के बाद तेजी से पुनः उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर लौट आया है तथा उनके वायदे के अनुसार, उनके तीसरे कार्यकाल में विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरुत्थान: वैश्विक अनिश्चितताओं में एक आदर्श प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा और भारत सधे हुये कदमों से इस ओर...

  • भारत के ऑटो सेक्टर में तेजी, अधिक मांग से बढ़ रही बिक्री

    नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के तेज गति से आगे बढ़ने के कारण ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में तेजी बनी हुई है। इसके कारण दोपहिया, कारों और कमर्शियल वाहनों की बिक्री में इजाफा हो रहा है। ऑटो सेक्टर (Auto Sector) से जुड़े लोगों के मुताबिक, एसयूवी सेगमेंट (SUV Segment) में नए लॉन्च होने के कारण यात्री वाहनों की ब्रिकी बढ़ रही है। वहीं, ग्रामीण इलाकों की आय बढ़ने की वजह से दोपहिया वाहनों की ब्रिकी में इजाफा हुआ है। कृषि और इंडस्ट्री क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले कमर्शियल वाहनों की मांग में भी इजाफा हुआ है, जो कि...

  • हम तो हो रहे तीसरी आर्थिक शक्ति!

    वर्तमान समय में भारत की स्थिति चीन से बेहतर है। परंतु देश को अपने और चीन के बीच आए अंतर को पाटने के लिए कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1985 में भारत और चीन का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बराबर 293 डॉलर था, जो कालांतर में क्रमश: 7,130 और 19,160 डॉलर हो गया। ऐसा क्यों हुआ? इसका उत्तर भारत की वह दूषित राजनीति और देशविरोधी एजेंडा है, जिसमें राष्ट्रहित को गौण करके राजनीतिक स्वार्थ को पूरा और विदेशी-वित्तपोषण से भारत के विकास को बाधित करने की मानसिकता है। हाल में...

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजरः निर्मला सीतारमण

    नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) (पीएमएमवाई) (PMMY) के शुभारंभ से लेकर अब तक 23.2 लाख करोड़ रुपये के 40.82 करोड़ से भी अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं और इससे जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करने में मदद मिली है तथा यह भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को बढ़ावा देने के साथ-साथ गेम चेंजर भी साबित हुई है। वित्त मंत्री ने इस योजना के आठ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई...

  • ओडिशा में भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बनने की क्षमता: राष्ट्रपति मुर्मू

    नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने शनिवार को ओडिशा दिवस (Odisha Day) के मौक पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ओडिशा में देश की अर्थव्यवस्था का ‘विकास इंजन’ बनने की क्षमता है। मुर्मू ने ट्वीट किया, ओडिशा दिवस के मौके पर सभी नागरिकों, विशेष रूप से राज्य के लोगों को मेरी शुभकामनाएं। प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के अलावा कुशल एवं मेहनती श्रम बल होने के कारण ओडिशा में हमारी अर्थव्यवस्था (Indian economy) का ‘विकास इंजन’ बनने की क्षमता है। राज्य के लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं। ओडिशा में हर साल एक अप्रैल का...

  • भारत की अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा करने मे महाराष्ट्र का प्रमुख योगदान: शिंदे

    मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा है कि राज्य 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भारत की महत्वाकांक्षा में बड़ा योगदान देगा। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, महाराष्ट्र के लिए कृषि, उद्योगों और बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित समग्र विकास के साथ 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना अनिवार्य है। शिंदे ने कहा, महाराष्ट्र (Maharashtra) देश का विकास इंजन है, हमारा प्रयास इसकी क्षमता, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है, हमारे पास सभी क्षेत्रों में क्षमता है। हम अपने किसानों के जीवन स्तर को उन्नत...

  • रोजगार और आर्थिक स्थिरता पर केंद्रित बजट

    नई दिल्ली। वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2023-24 (financial year 2023-24) के केंद्रीय बजट (Union Budget) को अमृतकाल का पहला बजट करार देते हुए आज कहा कि यह नागरिकों को बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराने, रोजगार (employment) सृजित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को स्थिरता देने के लिए हैं। श्रीमती सीतारमण ने बुधवार को संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक एजेंडे के केंद्र में नागरिकों को विकास और बेहतरी के अवसर उपलब्ध कराना, अर्थव्यव्यवस्था के विकास को सुदृढ़ बल देना और रोजगार सृजित करना और...

  • 2022 में 10,457 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण

    नई दिल्ली। नेशनल हाईवे (National Highway) (एनएच-NH) और सड़कों (roads) के निर्माण में समय के साथ वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 22 में 10,457 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2016 में 6,061 किलोमीटर का सड़क निर्माण हुआ था। मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, वित्त वर्ष 2023 में (अक्टूबर 2022 तक), कुल 4,060 किलोमीटर एनएच और सड़कों का निर्माण किया गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में उपलब्धि का लगभग 91 प्रतिशत था। इस क्षेत्र में निवेश के लिए कुल बजटीय समर्थन पिछले चार वर्षों में तेजी से बढ़ रहा है और वित्त...

  • घरेलू मांग और पूंजी निवेश विकास में मददगार

    नई दिल्ली। 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में 2023-24 के आगामी वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण पर विचार करते हुए कहा गया है कि महामारी से भारत की रिकवरी अपेक्षाकृत तेज थी और नए वित्तीय वर्ष में वृद्धि को ठोस घरेलू मांग और पूंजी निवेश (investment) में तेजी से समर्थन मिलेगा। इसने आगे कहा कि स्वस्थ वित्तीय सहायता से, एक नए निजी क्षेत्र के पूंजी निर्माण चक्र के शुरुआती संकेत दिखाई दे रहे हैं और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पूंजीगत व्यय में निजी क्षेत्र की सावधानी की भरपाई करते हुए, सरकार ने पूंजीगत व्यय में काफी...

  • जिंस कीमतें अधिक होने से बढ़ सकता है चालू खाते का घाटा

    नई दिल्ली। संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतें (commodity prices) बढ़ने से चालू खाते का घाटा (कैड) और बढ़ सकता है। लिहाजा इस पर करीबी नजर रखने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के आंकड़ों के मुताबिक, देश का चालू खाते का घाटा सितंबर, 2022 की तिमाही में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी-GDP) का 4.4 प्रतिशत हो गया। यह अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया, काफी हद तक घरेलू मांग बढ़ने और कुछ...

  • मुद्रास्फीति का 6.8 प्रतिशत का अनुमान इतना ऊंचा नहीं कि निजी उपभोग को रोके

    नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति (inflation) के 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। संसद (Parliament) में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) में कहा गया है कि 6.8 प्रतिशत की महंगाई दर का अनुमान इतना ज्यादा नहीं है कि निजी उपभोग को रोक सके न ही यह इतना कम है कि निवेश में कमी आए। समीक्षा में कहा गया, हालांकि लंबे समय तक खिंचने वाली महंगाई सख्ती के चक्र को लंबा कर सकती है। ऐसे में ऋण की लागत लंबे समय तक ऊंची रह सकती है।...

  • अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर 6.5 प्रतिशत पर

    नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आर्थिक समीक्षा 2022-23 (Economic Survey 2022-23 ) में मंगलवार को यह अनुमान जताया गया। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले साल यह 8.7 प्रतिशत थी। दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह भारत को भी यूरोप में लंबे समय से चल रहे युद्ध से वित्तीय चुनौतियां का सामना करना पड़ा...

  • भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6 प्रतिशत रह जाएगी

    नई दिल्ली। भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2023-24) में घटकर 6.6 प्रतिशत रह जाएगी। विश्व बैंक (World Bank) ने यह अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) पर अपने ताजा अनुमान में कहा, हालांकि, भारत सात सबसे बड़े उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बयान में कहा गया है, वैश्विक अर्थव्यवस्था...

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