सियासी इस्लाम पर सोचने की हिम्मत कहां?
अंबेडकर ने साफ शब्दों में लिखा है कि, ''मुस्लिम राजनीति अनिवार्यतः मुल्लाओं की राजनीति है और वह मात्र एक अंतर को मान्यता देती है – हिन्दू और मुसलमानों के बीच मौजूद अंतर। .... नायपॉल ने ‘घायल सभ्यता’ में वर्णन किया है वह इस्लामी आक्रमणों का दिया घाव ही है, जिस से भारत उबर नहीं पाया है। इस के बावजूद, विडंबना ही है कि भारत ने अपनी बरबादियों से इतना कम सबक सीखा। ...हिन्दू नेता और बौद्धिक उस पर चुप रहे हैं। राजनीतिक इस्लाम की समझ जरूरी-1 संभवतः पहली बार किसी बड़े भारतीय नेता -- योगी आदित्यनाथ -- ने राजनीतिक इस्लाम...