पाकिस्तान का ‘इस्लाम’ से सरोकार नहीं !
21 जून को अपने ‘मित्र’ यहूदी राष्ट्र इजराइल का साथ देते हुए अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी, तब उसी कालखंड में असीम मुनीर का पाकिस्तान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को “रणनीतिक दूरदर्शी और शानदार राजनीतिज्ञता” बताते हुए नोबल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश कर रहा था। यदि अमेरिका-इजराइल गाजा में ‘नरसंहार/उत्पीड़न’ के ‘अपराधी’ है, तो पाकिस्तान भी उतना ही ‘दोषी’ है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बुरी तरह परास्त होने के बाद पाकिस्तान दोबारा कैसे गरज रहा है? बकौल मीडिया रिपोर्ट, उसने इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को पेयजल, गैस और समाचारपत्रों की आपूर्ति रोक दी है। यह...