सरकार भाड़े…. राजनीति भाड़े…. राजनेता जलेबी झाड़े…?
भोपाल । आजकल राजनीति में भी "आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया" का बोलबाला है, केंद्र से लेकर राज्य तक की लगभग सभी सरकारें इसी लीक पर चल रही है, आज यह सभी सरकारें ना राजनीतिक रूप से सुदृढ़ है और ना ही आर्थिक रूप से, हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट से जहां केंद्र सरकार के जीएसटी संग्रह में काफी इजाफा उजागर हुआ है, वही तिमाही में केंद्र की देनदारी में भी वृद्धि दृष्टिगोचर हुई है, यही स्थिति राज्य सरकारों की भी है, यदि हम हमारे मध्यप्रदेश की ही बात करें, तो हमारे इस चुनावी साल में सरकारी खर्च बढ़ने...