Narendra Singh Tomar
changing the agriculture law : केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन शुरू होने के बाद संसद का दूसर सत्र शुरू होने वाला है। किसानों के साथ सरकार ने आखिरी बार 22 जनवरी को बात की थी। उसके बाद किसानों से बात करने और आंदोलन खत्म कराने का कोई प्रयास नहीं हुआ है। सरकार की ओर से बार बार कहा जा रहा है कि कानूनों को रद्द करने के अलावा बाकी हर मुद्दे पर वह किसानों से बात करने को तैयार है। अब तो किसानों के हितैषी और विपक्ष के महत्वपूर्ण नेता शरद पवार ने भी कह दिया है कि कानून पूरी तरह से रद्द करने की जरूरत नहीं है, बल्कि जिन प्रावधानों से किसानों को आपत्ति है उन्हें बदला जाए। यह भी पढ़ें: राजद्रोह-कानूनः लोकतंत्र का कलंक तभी सवाल है कि केंद्र सरकार इन कानूनों को बदलने की पहल क्यों नहीं कर रही है? सरकार ने किसानों के साथ आखिरी बार बातचीत से पहले कुछ बदलावों पर सहमति जताई थी। तीनों कानूनों को मिला कर कोई एक दर्जन प्रावधान थे, जिन्हें बदलने को सरकार तैयार थी। सरकार ने खुद कहा था कि वह कांट्रैक्ट पर खेती की मंजूरी देने वाले कानून में अदालत… Continue reading कृषि कानून क्यों नहीं बदल रही सरकार?
modi government administration : ऐसा नहीं है कि भारत सरकार सिर्फ एक्सटेंशन पाए अधिकारियों के सहारे चल रही है, अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारी, मंत्री, राज्यपाल, प्रशासक आदि भी इसमें अपना योगदान दे रहे हैं। सरकार के पास समय ही नहीं है कि वह पूर्णकालिक नियुक्ति कर सके! दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव रिटायर हुए हैं तो केंद्र सरकार ने उनकी जगह बालाजी श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वे दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त की अपनी मौजूदा जिम्मेदारी के साथ साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त का काम भी संभालेंगे। ठीक इसी तरह एसएन श्रीवास्तव को एक मार्च 2020 को दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार मिला था। उसके बाद वे मई 2021 तक अतिरिक्त प्रभार में ही काम करते रहे। रिटायर होने से एक महीना पहले उनको स्थायी नियुक्ति दी गई। अभी पिछले दिनों केंद्र सरकार ने बड़े शोर-शराबे के बाद सीबीआई का पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया। उससे पहले चार महीने तक प्रवीण सिन्हा एडिनशल चार्ज में सीबीआई निदेशक का काम देखते रहे थे। यह भी पढ़ें: कश्मीरी पंडितों की सरकार से नाराजगी केंद्र सरकार के कई अहम मंत्रालय अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं। भाजपा की सहयोगी शिव सेना अलग हुई तो उसके कोटे के… Continue reading अतिरिक्त प्रभार वाली शासन व्यवस्था
नई दिल्ली | देश में पिछले कई महीनों से दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। ऐसे में केन्द्र सरकार ने कृषि कानूनों पर विरोध प्रदर्शन (Agitating Farmers) कर रहे किसानों को एक बार फिर से बातचीत के लिए संदेश दिया है कि सरकार बातचीत के लिये तैयार है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि सरकार कृषि कानून के साथ-साथ दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि किसान कृषि कानूनों पर तार्किक आधार पर अपनी चिंता लेकर आएंगे तो ही बात होगी। इसी के साथ बुधवार को केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है। ये भी पढ़ें:- पति से अलग हुईं सांसद नुसरत जहां, कहा हम लिव इन रिलेशन में थे, पति ने रात को बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिए, तलाक पर यह कहा ममता बनर्जी के पास पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत कृषि कानूनों का विरोध कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) बुधवार को पश्चिम बंगाल पहुंचे। उन्होंने यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) से मुलाकात कर कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन… Continue reading Kisan Aandolan: केन्द्र सरकार इस शर्त पर किसानों से बातचीत को तैयार, तो Mamta Banerjee के पास पहुंचे किसान नेता Rakesh Tikait
किसान आंदोलन को चलते-चलते आज छह महिने पूरे हो गए हैं। ऐसा लगता था कि शाहीन बाग आंदोलन की तरह यह भी कोरोना के रेले में बह जाएगा लेकिन पंजाब, हरयाणा और पश्चिम उत्तरप्रदेश के किसानों का हौसला है कि अब तक वे अपनी टेक पर टिके हुए हैं। उन्होंने आंदोलन के छह महिने पूरे होने पर विरोध-दिवस आयोजित किया है। अभी तक जो खबरें आई हैं, उनसे ऐसा लगता है कि यह आंदोलन सिर्फ ढाई प्रांतों में सिकुड़कर रह गया है। पंजाब, हरयाणा और आधा उत्तरप्रदेश। इन प्रदेशों के भी सारे किसानों में भी यह फैल पाया है नहीं, यह भी नहीं कहा जा सकता। यह आंदोलन तो चौधरी चरणसिंह के प्रदर्शन के मुकाबले भी फीका ही रहा है। उनके आहवान पर दिल्ली में लाखों किसान इंडिया गेट पर जमा हो गए थे। यह भी पढ़ें: ये बादशाहत जरुरी नहीं दूसरे शब्दों में शक पैदा होता है कि यह आंदोलन सिर्फ खाते-पीते या मालदार किसानों तक ही तो सीमित नहीं है ? यह आंदोलन जिन तीन नए कृषि-कानूनों का विरोध कर रहा है, यदि देश के सारे किसान उसके साथ होते तो अभी तक सरकार घुटने टेक चुकी होती लेकिन सरकार ने काफी संयम से काम लिया है। उसने… Continue reading सरकार और किसान बात करें
नई दिल्ली। देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना वायरस रोकने के लिए लगाई जा रही वैक्सीन खत्म होने की खबरों के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से टीका लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में टीका लगाया जा रहा है और जब भी लोगों की बारी आए वे टीका जरूर लगवाएं। उन्होंने किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी करते हुए शुक्रवार को लोगों से मास्क लगाने और सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को किसान सम्मान निधि स्कीम की आठवीं किस्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जारी की। आठवीं किस्त में करीब साढ़े नौ करोड़ किसानों को दो-दो हजार रुपए ट्रासंफर किए गए। इस बार पहली दफा किसान सम्मान निधि का लाभ पाने वालों में पश्चिम बंगाल के किसान भी शामिल किए गए। प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि जारी करने के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश के लोगों को संबोधित भई किया। प्रधानमंत्री ने कहा- हम एक अदृश्य शत्रु का सामना कर रहे हैं। इससे युद्धस्तर पर लड़ाई जारी है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना तेजी से फैल रहा है। ग्रामीणों को मास्क पहनने सहित बचाव के दूसरे उपाय… Continue reading प्रधानमंत्री ने की टीका लगवाने की अपील
नई दिल्ली | देश में कोरोना महामारी का प्रकोप बना हुआ है कोरोना (Corona) काल में किसानों परिवारों (Farmers Families) को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत वित्तीय लाभ की आठवीं किस्त जारी कर राहत प्रदान की है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) के तहत वित्तीय लाभ की आठवीं किस्त जारी की। उन्होंने एक बटन दबाकर 9.5 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित की। इसे भी पढ़ें – मुकेश खन्ना ने भाई-बहन की मौत को बताया सबसे बड़ी क्षति, जानें खुद की मौत की अफवाह पर क्या बोले ‘शक्तिमान’ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar), कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और कई सांसद भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान लाभार्थियों से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र लाभार्थी किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो चार-चार महीने की अवधि में 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में दिया जाता है। यह रकम सीधे लाभार्थियों के बैंक… Continue reading PM Kisan Samman Nidhi : प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को दी सौगात, जारी की 8वीं किस्त
केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में 145 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों के बारे में जल्दी किसी फैसले की जरूरत है। अगर केंद्र सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो उसका कारण समझ में आता है। उसका राजनीतिक मकसद है और जिस कारोबारी मकसद के लिए उसने ये कानून बनाए हैं उसे भी पूरा करना है। कुछ चुनिंदा कारोबारियों के हितों के सामने किसानों के हित उसके लिए ज्यादा मायने नहीं रखते हैं। लेकिन क्या सुप्रीम कोर्ट के सामने भी ऐसी ही मजबूरी है, जो वह फैसला नहीं कर रही है। आखिर सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है पर अदालत उस पर कोई विचार क्यों नहीं कर रही है? यह सही है कि इन दिनों कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से अदालत का काम पूरी रफ्तार से नहीं हो रहा है और वर्चुअल सुनवाई करनी पड़ रही है। लेकिन सर्वोच्च अदालत को प्राथमिकता तय करनी होगी। उसकी बनाई तीन सदस्यों की कमेटी ने कोई दस दिन पहले अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है। अदालत ने इस कमेटी को आठ हफ्ते का ही समय दिया था। हालांकि रिपोर्ट सौंपने में उससे… Continue reading किसानों पर सुप्रीम कोर्ट भी चुप
केंद्र सरकार को अपने बनाए कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति दुश्मनी का भाव छोड़ देना चाहिए और उनके साथ तत्काल बातचीत करनी चाहिए। राजधानी दिल्ली में जिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है उसे देखते हुए यह आशंका निराधार नहीं है कि किसानों के बीच महामारी फैल सकती है। किसान 144 दिन से धरने पर बैठे हैं। वे थक भी गए हैं और खेती-किसानी का उनका काम भी प्रभावित हो रहा है। कोरोना का खतरा अलग से बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार उनसे बातचीत की शुरुआत करे और जिस शर्त पर होता है उनका आंदोलन खत्म कराने का प्रयास करे। भाजपा के सहयोगी और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत शुरू करे। भाजपा के अपने सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्विट करके कहा कि सरकार किसानों से बात करे और आंदोलन खत्म कराए। उन्होंने तो अपनी पार्टी की सरकार को सुझाव भी दिया कि कैसे आंदोलन खत्म कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से वादा करे कि जो भी राज्य इस कानून को लागू नहीं करना चाहता है वह इसे लागू नहीं… Continue reading किसानों से बात करे सरकार
नई दिल्ली| कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर खेती लागत कम करने और किसानों का उनकी फसलों का बेहतर दाम दिलाने के मकसद से लगातार कोशिश में जुटी भारत सरकार (Government of India) अब इस काम में दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) की भी मदद ले रही है। इस सिलसिले में कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) ने माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) फसलोपरांत प्रबंधन एवं वितरण सहित स्मार्ट एवं सुव्यवस्थित कृषि के लिए किसान इंटरफेस विकसित करने के लिए देश के छह राज्यों (उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान व आंध्रप्रदेश) के 10 जिलों में चयनित 100 गांवों में एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इसे भी पढ़ें – राजस्थान: कोरोना संक्रमित होने के बाद भी कर ली फ्लाइट में की यात्रा, यात्री और एयरलाइंस पर दर्ज हुआ मामला केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) की मौजूदगी में कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (Microsoft India) ने यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी… Continue reading कृषि में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा, सरकार ने किया Microsoft के साथ समझौता
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 136 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों से सरकार की वार्ता बंद है। आखिरी बार 22 जनवरी को किसानों के साथ केंद्र की वार्ता हुई थी, जिसके बाद केंद्र ने बातचीत बंद कर दिया। हालांकि उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार कहा कि सरकार किसानों से वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन कोई पहल नहीं की गई। अब केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री ने इस शर्त के साथ वार्ता की पेशकश की है कि किसान अपना आंदोलन स्थगित करें। दूसरी ओर किसानों ने साफ किया है कि उनका आंदोलन चलता रहेगा। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को किसानों के सामने वार्ता का प्रस्ताव रखा। तोमर ने कहा कि किसानों के मन में असंतोष नहीं है, जो किसान संगठन इन बिलों के विरोध में है, उनसे सरकार बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा- मैं किसान संगठनों से आग्रह करूंगा कि वे अपना आंदोलन स्थगित करे अगर वे बातचीत के लिए आएंगे तो सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना और उनका निराकरण करना, हमेशा… Continue reading सरकार ने किसानों से वार्ता के लिए रखी शर्त
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती और प्रगति पर सरकार का पूरा फोकस है। इसके लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं
केंद्र सरकार क्या किसान आंदोलन को इसी तरह चलते रहने देगी? दो अक्टूबर या उससे आगे तक? यह लाख टके का सवाल है, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में तीनों कृषि कानूनों पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस समेत विपक्ष पर निशाना साधा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कहा कि भारत सरकार नये कृषि कानूनों में किसी भी संशोधन को तैयार है।
मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी कराने में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की बड़ी भूमिका रही है, मगर ग्वालियर-चंबल इलाके में सिंधिया की बढ़ती सक्रियता से सियासी घमासान के आसार बनने लगे हैं।