Pankaja Munde

  • पंकजा मुंडे का क्या होगा?

    महाराष्ट्र में भाजपा की ओबीसी राजनीति का चेहरा रहे गोपीनाथ मुंडे की दोनों बेटियां राजनीति में हाशिए पर चली गईं। गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद उनकी बड़ी बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीत कर विधायक बनीं थीं और फिर देवेंद्र फड़नवीस की सरकार में मंत्री बनीं थीं। उनकी छोटी बहन प्रीतम मुंडे अपने पिता की सीट से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बनीं। लेकिन 2019 में पंकजा मुंडे विधानसभा का चुनाव हार गईं। इस बार प्रीतम मुंडे की जगह भाजपा ने पंकजा को बीड लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन वे साढ़े छह हजार के अंतर...

  • पंकजा मुंडे अब क्या करेंगी?

    भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे का भाजपा में अलगाव बढ़ता जा रहा है। वे पिछले काफी समय से पार्टी में अलग थलग हैं और उनकी राजनीति को लेकर पार्टी सहमत नहीं है। सक्रिय राजनीति में उनकी शुरुआत विधायक और मंत्री बनने के साथ हुई थी। लेकिन 2019 में विधानसभा का चुनाव हारने के बाद से ही पार्टी में उनको किनारे किया जाने लगा। वे चाहती थीं कि पार्टी उनको विधान परिषद में भेजे लेकिन वह भी नहीं हुआ। उनको पार्टी की केंद्रीय टीम में जिम्मेदारी मिली है लेकिन वे उस जिम्मेदारी से...

  • पंकजा मुंडे की नाराजगी बढ़ेगी

    चाचा भतीजा यानी शरद पवार और अजित पवार के खेल में एक और चाचा भतीजा का पहलू है। भाजपा कि दिग्गज नेता रहे दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे अब महाराष्ट्र की भाजपा-शिव सेना सरकार में मंत्री हो गए हैं। गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद जब भाजपा ने उनकी बेटियों- पंकजा और प्रीतम मुंडे को आगे किया तो धनंजय काफी नाराज हुए थे। धनंजय बाद में एनसीपी में शामिल हो गए थे। उनको बीड विधानसभा सीट पर पिछला चुनाव एनसीपी की टिकट से लड़ा और पंकजा को हरा दिया। विधानसभा चुनाव हारने के बाद से पंकजा मुंडे अपने...

  • पंकजा से बात करेंगे भाजपा नेता

    महाराष्ट्र के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय गोपनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने भाजपा नेतृत्व को मुश्किल में डाला है। उन्होंने पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा की हैं लेकिन भाजपा उनको अपनी नहीं मानती है यानी भाजपा उनकी नहीं है। इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी हलचल है। बयान के तुरंत बाद एनसीपी के नेता एकनाथ खड़से उनसे मिलने उनके घर पहुंचे। परली में खड़से और मुंडे की मुलाकात हुई। हालांकि मुंडे के सबसे बड़े विरोधी और अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे एनसीपी में हैं इसलिए उनका भी एनसीपी में जाना...

  • कर्नाटक का असर महाराष्ट्र में!

    कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की जीत का एक बड़ा कारण सिद्धरमैया का चेहरा रहा। वे पिछड़ी जाति के मजबूत नेता हैं और उनकी वजह से ओबीसी वोट कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा। तभी महाराष्ट्र में भी अब फोकस मराठा वोट से ज्यादा ओबीसी वोट पर बन रहा है और इसी बीच भाजपा को मुंडे बहनों ने झटका दिया है। ध्यान रहे कर्नाटक में भाजपा लिंगायत वोट पर बहुत आश्रित रही थी। वह वोट उसको मिला भी लेकिन वह उससे जीत नहीं सकती है। वैसे भी महाराष्ट्र में सबसे ताकतवर मराठा समुदाय भाजपा के साथ नहीं है। इसलिए उसकी नजर ओबीसी...