संकट का सबको पता पर समाधान क्या?
आने वाला समय दावानलों, तूफानों और चक्रवातों का समय है। आज हिम और बर्फ की पर्ते ह्रासग्रस्त हैं। धरती का रक्षा कवच दरक रहा है। कार्बन उत्सर्जन के शमन के व्यापक और जरूरी उपाय नहीं बरते जा रहे हैं। महासागरीय कन्वेयर बेल्ट भी तड़क रहे हैं। धरती की हरारत आहिस्ता-आहिस्ता बुखार में तब्दील हो रही है। डॉ. सुधीर सक्सेना संकट सघन है और उसकी भयावहता को वैज्ञानिक और पर्यावरणविद बूझ भी रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ भी उसे लेकर सचेत है। यह बात दीगर है कि विभिन्न राष्ट्रों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है और खतरा सघन से...