trade war

  • आर-पार की शर्त

    अमेरिकी शर्त है कि भारत को अपना बाजार खोलना होगा। उसे रूसी तेल की खरीद रोकनी होगी। ब्रिक्स का साथ छोड़ना होगा। डॉलर को समर्थन देना होगा। वह या तो अब अमेरिका के साथ रह सकता है, या चीन- रूस के साथ। डॉनल्ड ट्रंप का भारत के खिलाफ सुर नरम हुआ है। उससे भारत के सरकारी हलकों में उत्साह लौटता दिखा है। मगर अपने गरम मूड के साथ पिछले दिनों ट्रंप ने दोनों देशों के रिश्ते में जो कड़वाहट घोल दी है, उसका असर फिलहाल कायम रहने वाला है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक दो टूक वे शर्तें बता चुके...

  • पिट रहे हैं हकीकत से बेखबर ट्रंप के कार्ड

    चीन अभी भी रेयर अर्थ खनिजों के निर्बाध निर्यात पर सहमत नहीं हुआ है। इस मामले में उसने लाइसेंसिंग पॉलिसी जारी रखी है। इसका मतलब है कि हर कंपनी अपनी जरूरत के मुताबिक इन खनिजों के आयात की अर्जी देगी। उस पर निर्णय चीन की सरकारी एजेंसी करेगी।... दुनिया के ज्यादातर देशों ने व्यापार समझौते के लिए ट्रंप प्रशासन की शर्तों को स्वीकार नहीं किया। ब्रिटेन, वियतनाम, और इंडोनेशिया ने ट्रंप की कई शर्तों को माना है, मगर जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा, मेक्सिको, ब्राजील और यहां तक कि यूरोपियन यूनियन ने भी सीधे समर्पण करने से इनकार कर दिया। एक...

  • कितनी पिघलेगी बर्फ?

    सीधी बातचीत के लिए दोनों पक्षों का राजी होना महत्त्वपूर्ण है। डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से दुनिया में व्यापार अस्थिरता का माहौल है। इसका सबसे बड़ा पहलू इन दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच छिड़ा व्यापार युद्ध है। लंबे ना-नुकुर के बाद आखिरकार अमेरिका और चीन सीधी व्यापार वार्ता पर राजी हुए हैं। शनिवार को जिनेवा में अमेरिका के वाणिज्य मंत्री स्कॉट बेसेंट और मुख्य व्यापार वार्ताकार जेमिसन ग्रीयर की चीन के उप प्रधानमंत्री हे लीफेंग के साथ बातचीत होगी। वार्ता की पहल किसने की, इसको लेकर दोनों पक्षों के अलग-अलग दावे हैं। सार्वजनिक बयानों में खासकर चीन...

  • चीन आखिर तक लड़ने को तैयार!

    छह मार्च 2025 की तारीख चीन और विश्व राजनीति में निश्चित ही याद रहेगी। कोई न माने इस बात को लेकिन चीन ने इस दिन अपने को विश्व की प्रथम महाशक्ति घोषित किया। कथित नंबर एक महाशक्ति अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उसने कहा, "यदि अमेरिका युद्ध चाहता है, फिर वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या किसी अन्य प्रकार का भी युद्ध हो, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं”। सोचें, कोई देश इस वाक्य से ज्यादा किसी देश को सार्वजनिक तौर पर क्या चुनौती दे सकता है? नोट करें, डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी विदेश मंत्री...

  • गरम हो रहे तेवर

    चीनी दूतावास ने कहा- ‘अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ वॉर हो या कोई अन्य, तो हम अंत तक लड़ने को तैयार हैं।’ इस पर आक्रामक रुख अपनाते हुए अमेरिका ने कहा- हम शांति चाहते हैं, (china us trade war) लेकिन युद्ध के लिए भी तैयार हैं। डॉनल्ड ट्रंप के आक्रामक लहजे ने दुनिया में समीकरण बदल दिए हैं, वहीं तनाव और आशंकाओं को पहले ज्यादा गहरा कर दिया है। बदले समीकरणों की सबसे साफ झलक यूरोप में देखने को मिली है, जहां विभिन्न देश इस हकीकत के रू-ब-रू हैं कि अब वे अमेरिका के सुरक्षा साये पर भरोसा...

  • डील मेकर डॉन

    Donald Trump: डॉनल्ड ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका में होने आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का एलान उथल-पुथल मचाई। इससे ना सिर्फ अमेरिका, बल्कि दुनिया भर के वित्तीय बाजारों को झटके लगे। इसी बीच उन्होंने मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो से बातचीत की और टैरिफ को एक महीने के लिए टाल दिया। बताया गया कि दोनों देशों से अमेरिका का डील हो गया है। इसके तहत दोनों देश अमेरिका से लगी सीमा पर दस हजार सैनिक तैनात करेंगे, ताकि वहां से अवैध आव्रजकों तथा मादक पदार्थ फेंटानील की तस्करी रोकी जा...

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