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  • क्या आप खुश है, क्या खुशी देखी?

    ख़ुशी क्या है? वह कैसी होती है? पहली बात तो यह कि ख़ुशी मेरा, आपका, किसी का भी स्थाई भाव नहीं होती। वह आती है और चली जाती है, मिलती है और छिन जाती है। क्या ऐसा कोई है जो हमेशा खुश रहता हो? मसखरे तक हमेशा खुश नहीं रहते। यदि हम ध्यान से देखें तो उनके मुखौटे के पीछे हमें हमेशा आनंद से चमकती आँखें नजर नहीं आएंगी। खुशी का आज यह विषय ताजा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट से है। यह रिपोर्ट हमें बहुत कुछ बताती है और जो वह बताती है वह डरावना है। दुनियादारी को महत्व देने वाल...

  • दो समझौतों से उम्मीद

    अतीत में बड़े देशों ने जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी भारी कीमत दुनिया को चुकानी पड़ रही है। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव अब वर्तमान पीढी को अपने जीवनकाल में ही भुगतने पड़ रहे हैँ। क्या अब दुनिया इस मसले को गंभीरता से लेगी? अगले 30 नवंबर से दुबई में शुरू होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से ठीक पहले दो समझौतों से उम्मीद बंधी है कि ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने की दिशा में अब कुछ प्रगति हो सकेगी। इनमें एक समझौता अमेरिका और चीन के बीच हुआ है, जो दुनिया में कार्बन गैसों के सबसे बड़े दो...

  • अब अमेरिका को आईना!

    जयशंकर ने ना सिर्फ कनाडा को सख्त संदेश दिया, बल्कि अमेरिका को भी आईना दिखाने की कोशिश की। जयशंकर के भाषण ऐसी कई बातें आईं, जो अक्सर आजकल चीनी राजनयिकों के भाषणों में सुनने को मिलती हैं। संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन का लब्बोलुआब संभवतः यह है कि भारत ने पश्चिमी देशों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जयशंकर ने वहां से ना सिर्फ कनाडा को सख्त संदेश दिया, बल्कि अमेरिका को भी आईना दिखाने की कोशिश की। जयशंकर के भाषण ऐसी कई बातें आईं, जो अक्सर आजकल चीनी राजनयिकों के भाषणों में सुनने को मिलती...

  • सूडान से एक लाख लोग का पलायन, युद्ध विराम कल से लागू

    जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के अनुसार सूडान (Sudan) में पिछले महीने की 15 तारीख से प्रतिद्वंद्वी सैन्य गुटों के बीच संघर्ष के बाद से एक लाख से अधिक लोग सूडान से पलायन कर गए हैं। तीन लाख चौंतीस हजार से अधिक लोग देश के भीतर ही विस्थापित हैं। सूडान में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कोऑर्डिनेटर अब्दो डिंग ने कहा कि दो हफ्ते से अधिक के भीषण गृह युद्ध के कारण देश के मानवीय संकट ने भारी आपदा का रूप ले लिया है। इस बीच, राजधानी खारतूम में सेना और पैरा-मिलिटरी रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (Rapid Support Forces ) के बीच युद्ध...

  • यूएनः सवाल और भी हैं

    यूक्रेन संकट में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका हाशिये पर चली गई है। ऐसे में जयशंकर के वाजिब सवाल दुनिया का ध्यान शायद ही खींच पाएंगे, क्योंकि इस समय हर विवेकशील व्यक्ति की असली चिंता है संयुक्त राष्ट्र की बढ़ रही अप्रासंगिकता।   विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा ढांचे पर वाजिब सवाल उठाए हैं। उनकी इस बात से शायद ही कोई असहमत होगा कि यह ढांचा वर्तमान विश्व का उचित प्रतिनिधित्व नहीं करता। मसलन, इसकी सुरक्षा परिषद में अफ्रीका और लैटिन अमेरिका की स्थायी नुमाइंदगी नहीं है। उधर इस वर्ष यह विसंगति भी सामने आएगी कि दुनिया में...