इतिहास राख में ही लोटपोट रहता है!
दुनिया हमेशा धुएँ की हल्की-सी गंध में जीती आई है, कुछ स्मृति से उठती, कुछ स्थाई या घटना विशेष से जलती हुई। यदि इतिहास से...
दुनिया हमेशा धुएँ की हल्की-सी गंध में जीती आई है, कुछ स्मृति से उठती, कुछ स्थाई या घटना विशेष से जलती हुई। यदि इतिहास से...
हर गणराज्य के दो चेहरे होते हैं, एक जो आज़ादी के वादे से जगमगाता है, दूसरा वह जो भ्रष्टाचार की अनदेखी, दण्डहीनता की चुप ...
हम खतरनाक समय में जी रहे हैं! और यह न रूपक में, न मनोदशा में, बल्कि मापी जा सकने वाली सच्ची बात है। यह किसी हेडलाइन या च...
शांति, शांति तब तक ही रहती है जब तक वह स्वीकार्य है। जैसे ही सत्ता भारी पड़ने लगती है—प्रभावशाली, स्वार्थी और आत्ममुग्ध—...
कुछ दिनों से भारत में एक ही ख़बर है! और वह एक तालिबानी के दौरे की है। बाक़ी सब कुछ, चाहे बिहार चुनाव हो, सीट बँटवारे की...
कुछ दिन पहले मेरी मुलाक़ात एक महिला से हुई। सामान्य परिचय का सिलसिला शुरू हुआ—वह कॉरपोरेट में काम करती हैं। उन्होंने पूछ...
डोनाल्ड ट्रंप के लिए शांति का अर्थ कभी युद्ध समाप्त करना नहीं बल्कि हेडलाइन जीतना का रहा है। और उसके बाद फिर नोबेल पुरस...
सितंबर 2025 के आख़िर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुज़फ़्फ़राबाद, रावलकोट, कोटली, नीलम एक-एक कर ठप पड़ गए। सड़कें बंद, ...
अजीब समय है। ज़्यादा पुरानी बात नहीं है जब आतंकवाद दुनिया की सबसे बड़ी चिंता थी। “वॉर ऑन टेरर” में हर देश की हिस्सेदारी ...
खुशहाली, समृद्धि आखिर होती क्या है? खासकर उस देश के लिए जहां जीतने का शौर है जीतता दिखता है लेकिन भीतर से थका, खोखला है?...
दो साल हो गए है। एक ऐसे युद्ध के, जिसके हम सब, पूरी दुनिया किसी न किसी रूप में गवाह बनी हैं। इसे सभी ने हथियार उठाकर नही...
समय बहुत शोरगुल से भरा है, ख़ासतौर से धार्मिक अनुष्ठानों-पर्वो से। त्योहार अब केवल उल्लास-उमंग के नहीं रहे, वे अब “अपनी ...
भारत में क्रिकेट धर्म है और वह जैसे ही भारत बनाम पाकिस्तान होता है तो कट्टर, तेज़, उन्मादी, उग्र हो जाता है। मैं क्रिकेट...
यह वह कहानी है जिसे अख़बार के पहले पेज की एक खबर नहीं बल्कि पूरे पेज की खबर होना चाहिए। पर शायद ही कभी हो। यह संपादकीयों...
किसने सोचा था कि इंसान की तरह कोई संस्था बूढ़ी हो सकती है? और उम्र के साथ जहाँ बुद्धिमत्ता और गहराई आनी चाहिए, वही उलटा...