Monday

16-06-2025 Vol 19

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

इंसाफ का नया अंदाज

अगर मामला भारत सरकार या सत्ताधारी पार्टी की राजनीतिक विचारधारा से जुड़ा हो, तो  कोर्ट का फैसला कुछ ऐसा होता है, जिससे सत्ता पक्ष को ज्यादा परेशानी ना हो।

निर्णय कम, बातें ज्यादा

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के लिथुआनिया में हुए शिखर सम्मेलन में उग्र बातें तो खूब हुईं, लेकिन जिन दो फैसलों पर नजर थी, उन पर आखिर में ठोस...

ये जो हकीकत है

भारत सरकार ने 'स्वच्छ भारत' अभियान के तहत 2019 में देश को खुले में शौच की समस्या से मुक्त घोषित कर दिया था।

उम्मीद और जमीनी हकीकत

अहम सवाल है कि अगर भारत पहली पसंद बना हुआ है, तो असल में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ क्यों नहीं रहा है?

क्योंकि जड़ कमजोर है

ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन का गुजरात में वेदांता के साथ प्रस्तावित सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट से अलग होने का फैसला भारत की जमीनी कमजोरियों की तरफ एक और इशारा है।

इरादा बुलंद है, लेकिन

इतिहास यह है कि मुद्रा की ताकत संबंधित देश की अंदरूनी अर्थव्यवस्था की ताकत से तय होती है।

नाटो सम्मेलन पर नज़र

आज से शुरू हो रही दो दिन की नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) की शिखर बैठक पर सारी दुनिया की नजर है।

पर्यावरण की फिक्र नहीं

खुद जापान में नागरिकों का एक बड़ा हिस्सा टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेप्को) के इस निर्णय का विरोध कर रहा है।

राजनीतिक पारिवार की कलह

सवाल नहीं पूछा जाता कि किसी नेता ने अपनी पार्टी को अपने परिजनों और रिश्तेदारों से इस तरह क्यों भरा, जिससे उसकी परिवारिक कलह राजनीति के दायरे तक फैल...

‘चिप वॉर’ का नया मोड़

चीन के खिलाफ अमेरिका ने जिस चिप वॉर की शुरुआत की, अब वह खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है।

बर्बरता की ओर सफर?

उन्होंने मानवता को शर्मसार करने वाली घटना पर दलगत भावना से ऊपर उठ कर तुरंत ‘कठोरतम’ कार्रवाई का आदेश दिया।

ये खतरा बढ़ रहा है

देखते-देखते “खालिस्तान” का साया फिर संगीन हो गयाहै, इस बात के साफ संकेत हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय राजनयिक ठिकानों पर हमले हुए थे।

‘मानवीय भूल’ का कारण?

ओडिशा के बालासोर में पिछले दो जून को हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बारे रेल सुरक्षा आयुक्त की जांच इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह हादसा “मानवीय भूल”...

दाल की खेती क्यों घटी?

यह खबर चिंताजनक है कि बीते साल के मुकाबले भारत में धान और अरहर की खेती वाले इलाके इस साल घट गए हैं।

चरमराता संघीय ढांचा

पिछले हफ्ते तमिलनाडु में जो हुआ, उसे भारत के चरमराते संघीय ढांचे की ही मिसाल कहा जाएगा।

पवारः‘गुगली’ किसकी?

कुछ रोज पहले शरद पवार ने स्वीकार किया था कि पिछले चुनाव से पहले गठबंधन के सवाल पर उनकी भारतीय जनता पार्टी से बातचीत हुई थी।

राहुल गांधी का मरहम

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे से यह बात जाहिर हुई कि लगभग दो महीनों से हिंसा ग्रस्त इस राज्य के लोग किस हताशा और बेचैनी में हैं।

दुश्चक्र में फंसा फ्रांस

अगर पुलिस ने किसी गाड़ी को रोकना चाहा, लेकिन ड्राइवर नहीं रुका, तो पुलिस गोली चला सकती है। तो पुलिस ने बेखौफ होकर गोली चलाई, जिससे अब पूरा समाज...

कर्नाटकः बदले की राजनीति

कर्नाटक सरकार की इस बात के लिए तारीफ की जाएगी कि चावल खरीद में केंद्र की ओर से डाली रुकावट को उसने अपने चुनावी वादे को पूरा ना करने...

भेदभाव बेपर्दा हुआ

इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) का क्रिकेट में भेदभाव और पूर्वाग्रहों के शिकार हुए लोगों से सार्वजनिक माफी मांगना एक स्वागतयोग्य कदम है।

असल समस्या है मोनोपॉली

आईएमएफ की तरफ से अर्थशास्त्रियों नील-जैकब हानसेन, फ्रेडरिक टोस्कानी और जिंग झाऊ ने कहा है कि पिछले दो साल के दौरान कंपनियों ने लागत मूल्य में वृद्धि की तुलना...

अंतरिक्ष में रहने का मस्तिष्क पर कैसा असर?

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने का मस्तिष्क पर असर होता है। इस बारे में नासा ने अध्ययन किया है।

बराक ओबामा को आईना!

मॉब लीचिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिशा निर्देश जारी किए थे। मगर इसी महीने महाराष्ट्र में ऐसी दो घटनाएं हुई हैँ।

बात हुई, यही काफी!

दुनिया में एक नया वित्तीय करार करने के इरादे से पेरिस में पिछले हफ्ते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ।

पीएम मोदी से सवाल पूछने वाली पत्रकार के उत्पीड़न की निंदा

वॉल स्ट्रीट जर्नल संवाददाता सबरीना सिद्दीकी ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि भारत में अल्पसंख्यकों के सुधार के लिए सरकार क्या कदम उठा रही...

सुरक्षा आउटसोर्सिंग के खतरे

अमेरिका ने भी गुजरे दशकों में बड़ी संख्या में प्राइवेट आर्मी को अपने युद्धों में लगाया है।

उपाय सोचने की जरूरत

रासायनिक खादों का उपज बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।

विपक्ष के ब्लैक शीप

अरविंद केजरीवाल की विपक्ष की पटना बैठक का माहौल बिगाड़ने के मकसद से वहां गए थे। इसका संकेत उनकी पार्टी पहले से ही दे रही थी।

कटिंग-एज तो नहीं

रणनीतिक क्षेत्र में भारत में अमेरिकी नौसैनिक बेड़ों को “मरम्मत की सुविधा” देने पर सहमति बनी, उसे जरूर एक अहम घटना समझा जाएगा।

मौसम क्यों बना जानलेवा?

ना ही चिकित्सा व्यवस्था का दुरुस्त तंत्र है। ऐसे में थोड़ा भी असामान्य मौसम अगर जानलेवा बन जाता है, तो उसमें हैरत की कोई बात नहीं है।

जब सुना ही ना जाए!

मणिपुर के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की मनोदशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। खास बात यह कि इन प्रतिनिधियों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल हैं।

बात हुई, यही काफी

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की चीन यात्रा से क्या कोई ठोस नतीजा निकला, यह कहना कठिन है।

बड़े बदलाव की जरूरत

भारत में अंगदान की मांग उपलब्धता की तुलना में बहुत ज्यादा है। कारण देश में अंगदान करने वाले लोगों की भारी कमी है।

हर सिगरेट खतरनाक है

समाज में यह गलत धारणा बनाई गई है कि ई-सिगरेट खतरनाक नहीं है। इस भ्रम के कारण कई लोग सिगरेट छोड़ने की कोशिश में इसे अपना लेते हैं।

कठघरे में रिजर्व बैंक

एक खबर यह है कि आरबीआई ने बैंकों को उन डिफॉल्टरों से समझौता कर मामला निपटाने का अधिकार दे दिया है, जिन्होंने जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाया।

तकनीक साझा करेगा अमेरिका?

हथियार कारोबार का हिसाब-किताब रखने वाली स्वीडन की प्रमुख संस्था- सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक 2018-22 की अवधि में भारत दुनिया में सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा।

समस्या व्यवस्थागत है

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार 75 फीसदी से अधिक डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर किसी न किसी प्रकार की हिंसा का सामना किया है।

तमाम प्रगति के बावजूद

सयुंक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने इस अध्ययन में जिन लोगों को शामिल किया, उनमें से 90 फीसदी ने कम से कम एक लैंगिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने की...

गलवान के तीन साल

गलवान घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना की तीसरी बरसी एक उचित अवसर है, जब चीन के मामले में भारत की नीति का एक ठोस आकलन किया जाए।

जैक डोरसी ने जो कहा

डोरसी को अब अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थक मानना उन लोगों के लिए बहुत कठिन है, जो उनकी और ट्विटर की पृष्ठभूमि से परिचित हैं।

डेटा सुरक्षा में बड़ी सेंध

कोविन एप के जरिए स्टोर हुए लोगों के निजी डेटा की हैकिंग पर सरकार ने जो बयान दिए हैं, उससे कहीं यह भरोसा नहीं बंधता की ऐसी घटना नहीं...

मायूसी एक भ्रम है!

इस सर्वे के दौरान ज्यादातर लोगों ने यही राय जताई कि बीते छह-सात दशकों में नैतिकता में भारी गिरावट आई है।

एआई से चिंतित दुनिया!

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने उनकी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) संबंधी योजना को स्वीकार कर लिया।

डायबिटीजः स्वास्थ्य इमरजेंसी

देश की 15.3 फीसदी या लगभग 13.6 करोड़ आबादी प्री-डायबिटीक हैं। यानी अगले कुछ सालों में ऐसे लोगों के डायबिटीज की चपेट में आने की ठोस आशंका है।

हवाई बातों से क्या होगा?

भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कुछ ऊंचे दावे किए हैं और साथ ही यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) की भारत में जरूरत को सिरे से...

पाकिस्तान में खतरनाक खेल

अब यह साफ है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सियासी रूप से नष्ट करने में वहां का ‘ऐस्टैबलिशमेंट’ (सेना+खुफिया नेतृत्व) फिलहाल सफल हो गया है।

मणिपुर में कोई हल नहीं?

मणिपुर में हिंसा और अविश्वास के माहौल का कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। बल्कि अगर मैतयी और कुकी समुदायों के बीच अविश्वास की बात करें, तो हालत...

उत्तराखंड में खतरनाक संकेत

खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला में नाबालिग लड़की को अगवा करने के प्रयास के बाद तनाव का माहौल बना हुआ है।