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17-06-2025 Vol 19
मानव त्रासदी की यह सदी!

मानव त्रासदी की यह सदी!

न अमेरिका और ब्रिटेन जैसे सिरमौर विकसित देश मौसम का बिगड़ना रोक पा रहे हैं और न संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियां
सच्चाई

सच्चाई

इस सच्चाई में यदि सदी के पहले 25 वर्षों के भारत के अनुभव पर गौर करें तो क्या तस्वीर उभरेगी? क्या हम 25 वर्षों में महज भीड़ बन कर...
आभार!

आभार!

आजाद भारत के इतिहास में सन् 2024 का जनादेश 1977 जैसा न होते हुए भी इतिहासजन्य है और अभिनंदनीय है।
चुनाव 2024 का सत्य

चुनाव 2024 का सत्य

हां, आग्रह है आम चुनाव 2024 के पचहत्तर दिनों में मेरे लिखे कॉलम ‘अपन तो कहेंगे’ और ‘गपशप’ के शीषर्क, और उनके सार-संक्षेप (विस्तार से पूरा पढ़ना हो तो...
अंहकार हारा, वानर सेना जीती!

अंहकार हारा, वानर सेना जीती!

मगर अहंकार हार नहीं माना करता। नरेंद्र मोदी स्क्रीन पर लौट आए हैं। दंभ के साथ देश को संदेश दे दिया है कि वे हार नहीं मानेंगे।
ट्रंप के जेल जाने के दिन!

ट्रंप के जेल जाने के दिन!

डोनाल्ड ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति चार वर्षों में अपना खुद का और अमेरिका का कैसा-क्या कलंक बनाया, यह इतिहास में अंकित है।
संघ के भगवान (मोदी) क्या सेना का भी उपयोग करेंगे?

संघ के भगवान (मोदी) क्या सेना का भी उपयोग करेंगे?

अफवाह का आधार यह रिपोर्ट है कि सेना प्रमुख मनोज पांडे 31 मई को रिटायर होने थे लेकिन कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ने अप्रत्याशित तौर पर उनका कार्यकाल एक...
चुनाव अब जनमत संग्रह!

चुनाव अब जनमत संग्रह!

इतिहास बनता लगता है। जनवरी में जो देश अबकी बार चार सौ पार के हुंकारे में गुमसुम था वह मई में विद्रोही दिख रहा है। इसलिए चुनाव अब जनमत...
नरेंद्र मोदी और गोबर भारत!

नरेंद्र मोदी और गोबर भारत!

चार जून को चाहे जो नतीजा आए, कोई प्रधानमंत्री बने, भारत उस गोबर पथ से मुक्त नहीं होगा, जिस पर वह 2014 से चला है।
मोदी का सिक्का, हुआ खोटा!

मोदी का सिक्का, हुआ खोटा!

सही है कि मोदी नाम का चेहरा जिन भक्तों में पैंठा हुआ है उन वोटों का सहारा अभी भी कम नहीं है। लेकिन चुनाव तो मनचले, फ्लोटिंग वोटों तथा...
उम्मीद रखें, समय आ रहा!

उम्मीद रखें, समय आ रहा!

उम्मीद रखिए और मानिए समय बलवान है। याद है न- तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान। भीलां लूटी गोपियां, वही अर्जुन वही बाण।
भाजपा फंसी!

भाजपा फंसी!

400 पार की सुनामी तो दूर सामान्य बहुमत के लिए भी अगले छह चरणों में भाजपा को बहुत पसीना बहाना होगा।
भगवान श्री मोदी की ‘गारंटी’!

भगवान श्री मोदी की ‘गारंटी’!

हिंदुओं के भगवान हिंदुओं को ‘गांरटी’ नहीं देते हैं लेकिन सन् 2024 के चुनाव में हम हिंदुओं को एक ऐसा भगवान मिला है जो ‘गारंटी’ देता है।
2024 के भारत आईने का सत्य!

2024 के भारत आईने का सत्य!

हम सदियों गुलाम रहे हैं और गुलामी की वृत्ति, प्रवृत्ति राजनीति और शासन का बीज मंत्र है। हम हिंदुओं को कृपा चाहिए। हमें रक्षक चाहिए।
भारत के लोकतंत्र व चुनाव निष्पक्षता पर अमेरिका नहीं बोलेगा तो क्या रूस बोलेगा?

भारत के लोकतंत्र व चुनाव निष्पक्षता पर अमेरिका नहीं बोलेगा तो क्या रूस बोलेगा?

कोई न माने इस बात को लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव निर्णायक तौर पर दुनिया की निगाह में नरेंद्र मोदी को दूसरा व्लादिमीर पुतिन बनाने वाला है। India democracy...
भारत का यह अंधा, आदिम चुनाव!

भारत का यह अंधा, आदिम चुनाव!

क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि 1952 के पहले आम चुनाव और 18वें आम चुनाव में क्या समानता है? lok sabha election 2024
भाजपा की मंडी में सुरेश पचौरी!

भाजपा की मंडी में सुरेश पचौरी!

मान्यता है कि बूढ़े नेता और बूढ़ी वेश्या का बुढ़ापा एक सी मनोव्यथा में होता है। दोनों संताप, लाचारगी और भूख में फड़फड़ाते होते हैं।
कौन विश्व गुरू, कौन सी सभ्यता प्रकाश स्तंभ?

कौन विश्व गुरू, कौन सी सभ्यता प्रकाश स्तंभ?

दुनिया के वामपंथियों का ख्याल है अमेरिका पतन के कगार पर है तो रूस या चीनी सभ्यता से ही दुनिया का अज्ञान-अंधकार मिटेगा। vishwa guru
‘एआई’ बुद्धी पर बिलबिलाना!

‘एआई’ बुद्धी पर बिलबिलाना!

मशीन ने मोदी को जानकारों के हवाले फासीवादी बताया। सो सरकार गूगल को नोटिस भेज रही है और सवाल है कि एआई को किस तरह ट्रेन किया गया है।...
हत्यारे भी होते हैं राष्ट्रपति!

हत्यारे भी होते हैं राष्ट्रपति!

सोचें, 25 वर्षों से राज है फिर भी मन ही मन इतना आतंकित जो जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को मरवा कर माना। क्यों?
सीधे सरल, सहज नेता!

सीधे सरल, सहज नेता!

चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर दोनों की सादगी, हिंदी प्रेम और जिंदगी जीने का देशज उत्तर भारतीय मिजाज स्वंयस्फूर्त अपनापन बनाता था।
दिमागी चिप!

दिमागी चिप!

लगता है इसी सदी में जहां जलवायु परिवर्तन पृथ्वी को खाएगा वही विज्ञान नए मानव रचेगा! नई मानव रचना में खोजी, मौलिक और क्रिएटिव पश्चिमी बुद्धि इन दिनों गजब...
नरेंद्र मोदी का सर्वकालिक क्षण!

नरेंद्र मोदी का सर्वकालिक क्षण!

अयोध्या की पांच अगस्त 2020 की तारीख और 22 जनवरी 2022 में क्या फर्क है? तब राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन था। आज मंदिर में मूर्ति की प्राण...
खड़गेः भरोसे का नाम!

खड़गेः भरोसे का नाम!

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे न केवल कांग्रेस के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं, बल्कि विपक्ष के लिए भी भरोसे का चेहरा बने हैं।
एक भारतीय की औकात!

एक भारतीय की औकात!

उफ! नरेश गोयल। इस चेहरे ने कई भारतीयों की याद करा दी। जैसे एक राजन पिल्लई था, ब्रिटैनिया बिस्कुट का मालिक। बेचारा तिहाड़ जेल में गर्मी से फड़फड़ाते हुए...
कोउ नृप होय हमहिं का हानी!

कोउ नृप होय हमहिं का हानी!

3 हजार 523 वर्षों के दिल्ली शासन से कौम, नस्ल का भला कब हुआ जो नागरिक यह न सोचे कि कोऊ नृप होई हमै का हानि, चेरी छाड़ि कि...
बोरों में लक्ष्मीजी!

बोरों में लक्ष्मीजी!

लक्ष्मी कथा का सार है कि उपार्जन भले कम हो लेकिन उसके उत्तरार्ध में जरूरी है जो एक-एक पैसा सत्प्रवृत्ति में अच्छे काम याकि कला, ज्ञान, पुरुषार्थ और सद्बुद्धि...
मोदी !

मोदी !

फिर वही जो 2014 से उत्तर भारत का सत्य है। हां, 2014 से उत्तर भारत में हर हर मोदी, घर घर मोदी है सो, 2023 के मध्य प्रदेश, राजस्थान,...
युद्ध से न अब जीत,न हार!

युद्ध से न अब जीत,न हार!

सच्चाई है पर अविश्वसनीय! इजराइल लाचार और फेल। पचास दिन हो गए है न हमास को इजराइल खत्म कर पाया और न वह बंधकों का पता लगा पाया।
यहूदीः फिर नफरत और लड़ाई!

यहूदीः फिर नफरत और लड़ाई!

इजराइल-यरुशलम-फिलस्तीन की भूमि में पैदा यहूदी, ईसाई और इस्लाम तीनों का सत्य है परस्पर नफरत। इन तीनों धर्मों से चार हजार वर्षों में पृथ्वी पर जितनी लड़ाइयां, क्रूसेड, नरसंहार...
अब्राहम की संतानें (यहूदी, ईसाई, मुसलमान) मानव या पशु?

अब्राहम की संतानें (यहूदी, ईसाई, मुसलमान) मानव या पशु?

शीर्षक के शब्द भारी व निर्मम हैं। पर यह मानवता के ढाई हजार वर्षों के अनुभवों में उठा एकवाजिब और यक्ष प्रश्न है! जरा गौर करें मानव समाज के...
‘वॉर क्रिमिनल’ नेतन्याहू और इजराइल कलंकित!

‘वॉर क्रिमिनल’ नेतन्याहू और इजराइल कलंकित!

एक प्रधानमंत्री, एक नेता कैसे एक जिंदादिल देश, बुद्धिमान नस्ल और पुरुषार्थी कौम को भटका कर बरबाद कर सकता है इसका ताजा प्रमाण इजराइल है। इजराइल 1948 में बना।
एक नेतन्याहू और घायल इजराइल!

एक नेतन्याहू और घायल इजराइल!

इजराइल घायल है, सदमें में है, खौफ में है और दुनिया यह सोच हैरान है कि यह देश भला इतना सोया हुआ और लापरवाह कैसे?
‘इंडिया’ को राहुल ही हराएंगे! … या जिताएंगे?

‘इंडिया’ को राहुल ही हराएंगे! … या जिताएंगे?

सोचें, यदि कांग्रेस तीन राज्यों में हार गई तो 24 में राहुल गांधी, कांग्रेस, खड़गे चेहरा दिखाने लायक रहेंगे?
‘सनातन’ रहेगा सनातन!

‘सनातन’ रहेगा सनातन!

बहस है ‘सनातन’ पर! सवाल है ‘सनातन’ के बहाने ‘हिंदू’ पर! भला ‘सनातन’ की परिभाषा क्या? कहा है इसका उद्गम? यह शब्द न तो वेद-उपनिषद् में है और न...
सनातन है क्या?

सनातन है क्या?

सनातन का मतलब पुराना नहीं होता। सनातन का मतलब होता है कि, जिसका नए और पुराने का कोई अर्थ ही नहीं है, जो सदा है। पुराने का मतलब है...
जी-20: ‘इतिहास’ रचा या गर्व लायक कुछ नहीं?

जी-20: ‘इतिहास’ रचा या गर्व लायक कुछ नहीं?

आज राजधानी दिल्ली का ताला खुलेगा। सवा तीन करोड़ लोग घरों से बाहर निकल वापिस अपने काम-धंधे तथा रोजमर्रा के ढर्रे में लौटेंगे।
मोदी जैसे तो नीतीश, खड़गे, ममता, केजरीवाल या स्टालिन मजे से, ज्यादा अच्छा राज करेंगे!

मोदी जैसे तो नीतीश, खड़गे, ममता, केजरीवाल या स्टालिन मजे से, ज्यादा अच्छा राज करेंगे!

चंद्रयान-तीन, दिल्ली में जी-20 के शिखर सम्मेलन के शोरगुल ने भारत का भक्त व गंवार मानस में यह ख्याल पैदा किया हुआ है कि मोदी है तो यह सब...
चीनः बेताल पचीसी!

चीनः बेताल पचीसी!

चीन दुनिया की पहेली है। एक ऐसी पहेली जिसमें मनुष्य बुनियादी तौर पर व्यवहार में भला है मगर तब जब वह आज्ञापालक हो। मतलब वह पिंजरे का अनुशासन लिए...
हम कितने-कैसे मूर्ख?

हम कितने-कैसे मूर्ख?

मनुष्य और उसकी भीड़ का पशुपना वह संकट है, जिससे मानव इतिहास मूर्खताओं से भरा पड़ा है।
‘इंडिया’ होना क्या?

‘इंडिया’ होना क्या?

क्या है इंडिया की आत्मा? और उस आत्मा के प्रतिनिधी, पोषक, रक्षक क्या नरेंद्र मोदी है या राहुल गांधी? ‘इंडिया’ क्या महज एक शब्द है जो उसे तोडमरोड कर...
त्रिमूर्ति (ट्रम्प, इमरान, मोदी) और समय

त्रिमूर्ति (ट्रम्प, इमरान, मोदी) और समय

डोनाल्ड ट्रम्प भी अपने विरोधी जो बाइडेन को, इमरान खान बाजवा व शहबाज शरीफ को लल्लू मानते थे। लेकिन सत्य आज क्या है? समय का न्याय क्या है?
उफ! आत्मघाती 21वीं सदी

उफ! आत्मघाती 21वीं सदी

हर दौर वक्त की छाप लिए होता है। वह राहु-केतु-शनि की प्रवृत्तियों के अपने साये में जीव-जंतुओं का खेला बनाए होता है। तभी तो मौजूदा दौर विनाश के विषाणुओं,...
नरेंद्र मोदीःघड़ियाली आंसू?

नरेंद्र मोदीःघड़ियाली आंसू?

अखबार ने मणिपुर में बलात्कार के वीडियो के सत्य में संसद के बाहर नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया को मगरमच्छ के आंसू बताया।
सरकार ने क्यों नहीं नौ वर्षों में समान नागरिक संहिता बनवाई?

सरकार ने क्यों नहीं नौ वर्षों में समान नागरिक संहिता बनवाई?

भला उन्हें किसने रोका था, संविधान के इस निर्देशक सिद्धांत (अनुच्छेद44) के संकल्प में अमल से? दो टूक यह भी सत्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कॉमन सिविल...
उफ! भयभीत पुतिन के 36 घंटे!

उफ! भयभीत पुतिन के 36 घंटे!

पहली बात पुतिन ने 16 महिने पहले हल्ला किया था कि यूक्रेन खतरा है रूस के लिए। लेकिन जरा गौर करें कि मास्कों को खतरा किससे हुआ?
भारतः सब कैसा एक्स्ट्रीम!

भारतः सब कैसा एक्स्ट्रीम!

मैं भी इस भदेस सच्चाई से झनझना गया कि 140 करोड़ लोगों में 90 फीसदी लोग मासिक 25 हजार रुपए से नीचे की कमाई पर जी रहे हैं!
ड्रैगन (चीन) का सुनहरा समय!

ड्रैगन (चीन) का सुनहरा समय!

क्या नई विश्व व्यवस्था बनेगी? अमेरिकी गरूड़ की वैश्विक चौकीदारी क्या खत्म होगी? अमेरिका और पश्चिमी सभ्यता अंदरूनी कलह से कही बिखरने वाली तो नहीं?