पटना। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर में लाखों गड़बड़ियां हुई हैं। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव आयोग पर हमला किया है और कहा है कि बिहार में लाखों विसंगितयां पाई गईं हैं फिर भी आयोग कह रहा है कि पार्टियों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वोटर अधिकार यात्रा के समापन से एक दिन पहले एसआईआर से जुड़ी गंभीर विसंगतियों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।
उन्होंने कहा कि हमारी वोटर अधिकार यात्रा बिहार के 25 जिलों से होती हुई आज पटना पहुंची है। संयोग से यही दिन चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे एसआईआर में आपत्तियां दर्ज करने की अंतिम तिथि भी है। इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन के बूथ लेवल एजेंट्स ने लाखों नागरिकों की आपत्तियाँ दर्ज कराने में मदद की।
पवन खेड़ा ने कहा, बीएलए के साथ चुनाव आयोग का रवैया देखकर निराशा हुई कि कई जगहों पर चुनाव आयोग के अफसरों ने हमारे बीएलए द्वारा इकट्ठी आपत्तियां स्वीकार नहीं की। बीएलए को बाध्य किया गया कि वे हर नागरिक की आपत्ति अलग अलग फॉर्म में जमा करें। यह आयोग की ओर से एक सोची समझी चालाकी लगती है, ताकि विपक्ष सहयोग न कर पाए और कटे हुए नाम वापस जुड़ने में कठिनाई हो।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की व्यापक जांच में बिहार की सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के 90 हजार से अधिक बूथों की जांच की गई। इस प्रक्रिया में हमें करीब 89 लाख विसंगतियां मिलीं, जिन्हें हमने जिला अध्यक्षों के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारियों को सौंपा है। हमने देखा कि कई बूथों पर एक सौ से अधिक वोटरों के नाम एक साथ काट दिए गए हैं। बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम कटे
कुल मिलाकर बिहार में 65 लाख वोटरों के नाम काटे गए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 7,613 बूथों पर 70 फीसदी या उससे अधिक महिलाओं के नाम काटे गए। 635 बूथों पर प्रवासी श्रेणी में काटे गए नामों में 75 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं। यह साफ इशारा करता है कि महिलाओं को टारगेट करके उनके वोटिंग अधिकार छीने जा रहे हैंष वहीं मृतक श्रेणी में गड़बड़ी मिली जिनमें कई जगह जिंदा लोगों के नाम मृतक सूची में डाल दिए गए हैं। 7,931 बूथों पर काटे गए 75 फीसदी नाम मृतक श्रेणी में हैं।
पवन खेड़ा ने कहा, हमारी मांग है कि चुनाव आयोग इन 89 लाख विसंगतियों की गंभीरता से जांच करे और हर वैध नागरिक का नाम मतदाता सूची में बहाल करे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि चुनाव आयोग मनमानी करना बंद करें और दर्ज आपत्तियों को स्वीकार कर अग्रेत्तर कार्रवाई करें लेकिन भाजपा के इशारे पर बिहार की आम जनता का वोट काटकर भाजपा को वोटचोरी में मदद न करें। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर बिहार में चुनाव आयोग ने जिस तरीके से आनन फानन में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन किया वो पूरी तरीके से गलत और हड़बड़ी में पूरी की जा रही प्रक्रिया थी जिसपर हमने शुरू से ही सवाल उठाया था और अब खामियां आपके सामने दिख रही हैं।


