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1971 में आए बांग्लादेशी घुसपैठिए को नीतीश सरकार डिपोर्ट करेगी: गिरिराज सिंह

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरम है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनने पर 1971 से बिहार में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा।  

पूर्णिया पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुन कर बाहर निकाला जाएगा और वे घुसपैठियों को नहीं बचा पाएंगे।

उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दावा किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी।

नीतीश सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि 20 वर्षों में एनडीए ने बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पानी और जल निकासी जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसीलिए, एनडीए की वापसी तय है।

राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर 11 साल के कार्यकाल में कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा, जबकि यूपीए सरकार अपने 10 साल के शासन में विवादों में घिरी रही। नीतीश कुमार ने 20 साल में बिहार में विकास कार्य किए। उन पर भी कोई आरोप नहीं लगा। लालू यादव 15 साल में बिहार के लिए कुछ नहीं कर पाए, वे तो जेल भी गए। वोटर अधिकार यात्रा के जरिए बस भ्रम फैलाना चाहते हैं, इनके पास कोई मुद्दा नहीं है।

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नीतीश कुमार के मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में टोपी न पहनने के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने 20 साल के कार्यकाल में मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए व्यापक काम किया है, जो लालू प्रसाद यादव नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास के तहत बिना भेदभाव के सभी के लिए काम किया है और वह भी टोपी नहीं पहनते।

गिरिराज सिंह ने टोपी पहनने को नौटंकी करार देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने टोपी न पहनकर ठीक किया, क्योंकि उन्होंने वास्तव में मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए काम किया है।

लालू यादव को नकली बताते हुए कहा, “जो टोपी पहनने और छठ पूजा करने जैसे कार्यों को दिखावे के लिए करते हैं।

योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद के बयान पर उन्होंने कहा कि जब वह योजना आयोग की सदस्य थीं, तब उन्होंने इंदिरा गांधी या सोनिया गांधी से बांग्लादेशी घुसपैठियों को नागरिकता देने की बात क्यों नहीं उठाई? गजवा-ए-हिंद जैसा उनका बयान देश के नागरिकों को पसंद नहीं है।

गिरिराज सिंह ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेशी मुसलमानों को भारत में नागरिकता नहीं दी जाएगी। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाल रहे हैं, बिहार में अगली सरकार एनडीए की बन रही है, और मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा।

पप्पू यादव की ओर से राजद नेता तेजस्वी यादव को जननायक कहने पर कहा कि पैसे का हिसाब-किताब आयकर विभाग का काम है। उन्होंने कहा कि पप्पू यादव जो कहते हैं कि वह रोजाना इतना पैसा बांटते हैं तो उनके पास कहां से इतना पैसा आता है, आयकर विभाग को जांचना चाहिए। पप्पू यादव पहले लालू यादव और तेजस्वी यादव का घोर विरोध करते थे और अब उनके इस बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। गिरिराज सिंह ने लालू प्रसाद यादव के अलावा तेजस्वी की कोई स्वतंत्र पहचान न होने का भी दावा किया। यही बात उन्होंने राहुल गांधी के संदर्भ में भी कही है।

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि राजद ही महागठबंधन का मुख्य चेहरा है। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मंच पर केवल वही बोलते हैं जो उन्हें बताया जाता है, और उनकी समझ सीमित है।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की पहचान पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी गांधी परिवार में और तेजस्वी यादव लालू परिवार में पैदा न हुए होते, तो सामान्य घर में जन्म लेने पर उनकी कोई पहचान न होती।

उन्होंने राहुल गांधी के आलू से सोना बनाने वाले बयान का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह गेहूं की फसल या गाय के बछड़े की पहचान भी नहीं कर सकते। इससे कह सकते हैं कि वह देश की दशा और दिशा को समझने में असमर्थ हैं।

पूर्णिया दौरे को लेकर कहा कि एनडीए के कार्यकर्ताओं से मिलना चुनावी माहौल में स्वाभाविक है।

Pic Credit : ANI

By Naya India

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