नई दिल्ली। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के छह दिन बाद कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली भाजपा में शामिल हो गए हैं। सात साल में दूसरी बार वे कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए हैं। इस बार उनके साथ कांग्रेस के कई और बड़े नेता भी भाजपा में शामिल हुए हैं। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री एक समय दिल्ली में कांग्रेस का दलित चेहरा रहे राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया और अमित मलिक भी शनिवार को भाजपा में शामिल हुए। इन सभी नेताओं ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के तालमेल का विरोध करते हुए पार्टी छोड़ी है।
आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर 28 अप्रैल को अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ा था। उस समय उन्होंने कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया था। लेकिन शनिवार को वे भाजपा में शामिल हो गए और उसके बाद कहा- हमें भाजपा के बैनर तले और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली की जनता के लिए लड़ने का मौका दिया गया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि देश में प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी। आने वाले दिनों में भाजपा का परचम दिल्ली में भी लहराएगा।
गौरतलब है कि शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली की भाजपा में यह दूसरी पारी है। वे सात साल पहले 18 अप्रैल 2017 को पहली बार कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए थे। हालांकि 10 महीने बाद ही 17 फरवरी 2018 को वे कांग्रेस में वापस लौट गए थे। पिछले साल 31 अगस्त को लवली को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। वे लोकसभा टिकट के भी दावेदार थे। उन्होंने कांग्रेस के दो उम्मीदवारों, कन्हैया कुमार और उदित राज को टिकट दिए जाने का विरोध किया था।
बहरहाल, 28 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लवली ने चार पन्नों की चिट्ठी लिख कर पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया पर मनमानी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष के नेता एक ब्लॉक अध्यक्ष तक नियुक्त करने का अधिकार उनको नहीं है। उन्होंने बताया था कि ब्लॉक अध्यक्ष के लिए उनकी भेजी गई सूची खारिज कर दी गई थी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर भी उन्होंने सवाल उठाया और यह भी कहा कि दिल्ली के उम्मीदवार तय कर दिया गया लेकिन प्रदेश कमेटी को उसकी जानकारी भी नहीं दी गई।