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दिल्ली-एनसीआर में ईडी का बड़ा एक्शन, सौरभ भारद्वाज के घर पर छापा

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास समेत कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की धारा 17 के तहत की जा रही है। ईडी की यह छापेमारी दिल्ली अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़े मामलों की जांच को लेकर की गई है।

यह मामला एफआईआर संख्या 37/2025 दिनांक 26 जून 2025 पर आधारित है, जिसे दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने दर्ज किया था। एफआईआर में दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों, निजी ठेकेदारों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

एसीबी की एफआईआर और ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, अनुचित लागत बढ़ोतरी, अनधिकृत निर्माण और फंड्स की हेराफेरी की गई है।

इसी सिलसिले में ईडी की टीमें मंगलवार सुबह दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के आवास पर भी पहुंचीं। इसके साथ ही कई निजी ठेकेदारों के दफ्तरों और आवासों पर भी तलाशी ली जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरकार जनता के पैसों को किस तरह से डायवर्ट और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस्तेमाल किया गया।

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इस बीच, छापेमारी की खबर सामने आने के बाद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने केंद्र सरकार और ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा आज सौरभ भारद्वाज के यहां रेड क्यों हुई? पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठ रहे हैं। क्या मोदी जी की डिग्री फर्जी है? इस चर्चा से ध्यान हटाने के लिए ही यह रेड डाली गई है। जिस समय का केस बताया जा रहा है, उस समय सौरभ भारद्वाज मंत्री भी नहीं थे। यानी पूरा केस ही झूठा है।

आतिशी ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन को तीन साल जेल में रखकर आखिरकार सीबीआई और ईडी को क्लोजर रिपोर्ट देनी पड़ी। इससे साफ है कि आप नेताओं पर लगाए गए सारे केस सिर्फ राजनीति से प्रेरित और निराधार हैं।

Pic Credit : ANI

By Naya India

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