नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में सीवर डेवलपमेंट योजना के तहत तेजी से काम चल रहा है। केजरीवाल सरकार (Kejriwal government) दिल्ली (Delhi) की 1799 अनधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) में सीवर लाइन का जाल बिछाना चाहती है। सीवर डेवलपमेंट योजना के तहत यह कार्य तेजी से चल रहा है।
गौरतलब है कि सीवर सिस्टम के जरिए केजरीवाल सरकार 100 फीसदी गंदे पानी को उपयोगी वाटर के रूप में तब्दील करना चाहती है। इसको लेकर 4 फोकस क्षेत्रों की पहचान की गई है। इनमें दिल्ली गेट, ओखला, और सोनिया विहार में 3 नए एसटीपी का निर्माण, 3 मौजूदा एसटीपी का पुनर्वास और 40 नए डीएसटीपी और 18 मौजूदा एसटीपी की उन्नयन और क्षमता बढ़ाना भी शामिल है।
राजधानी दिल्ली यदि सीवर नेटवर्क से पूरी तरह जुड़ गई तो यमुना में गंदा पानी नहीं गिर पाएगा। हर घर सीवर कनेक्शन प्रोजेक्ट पर केजरीवाल सरकार भी एक्शन मोड में है। इसी के तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा था कि पूरी दिल्ली को सीवर नेटवर्क से जोड़ना हमारी प्राथमिकताओं में है। हम यमुना को जल्द से जल्द साफ करना चाहते हैं। यमुना सफाई कार्य योजना, हर घर को सीवर कनेक्शन, हर घर को साफ पानी देने के प्रोजेक्ट की अब हर 15 दिन में समीक्षा की जाएगी।
आपको बता दें कि इसके अलावा दिल्ली के 40 नए डीएसटीपी सीवेज इंफ्रास्ट्रक्च र में 92 एमजीडी की क्षमता से जोड़ने की योजना है। इनमें से 29 डीएसटीपी दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएंगे। तीन एसटीपी के पुनर्वास के माध्यम से दिल्ली सरकार अपने नेटवर्क में 70 एमजीडी की क्षमता जोड़ेगी। 40 एमजीडी क्षमता का रिठाला एसटीपी भी जून 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है। कोंडली का 25 एमजीडी क्षमता का फेज-2 जून 2023 तक तैयार हो जाएगा।
दिल्ली में नालों की टैपिंग पर भी तेजी से काम चल रहा है। इस परियोजना में मोरी गेट नाला, महारानी बाग नाला, बारापुला नाला जैसे प्रमुख नालों की टैपिंग के साथ-साथ शाहदरा, नजफगढ़ और अन्य बड़े नालों में गिरने वाले दिल्ली के 76 छोटे नालों की टैपिंग भी शामिल है। बारापुला नाला, महारानी बाग नाला और मोरी गेट नाले की टैपिंग में कुल 48.14 एमजीडी सीवेज को नवीनतम मानकों के अनुसार साफ करने की योजना है। (आईएएनएस)