Sunday

20-07-2025 Vol 19

कांग्रेस के मार्च को पुलिस ने रोका

16 Views

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस की विरोध जुलूस निकालने की योजना को पुलिस ने शनिवार को विफल कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के नेतृत्व में कार्यकर्ता यहां पार्टी कार्यालय में जुटे और उन्होंने ज्ञापन सौंपने के लिए संभागीय आयुक्त कार्यालय तक जुलूस निकालने की योजना बनाई।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने पार्टी कार्यालय के मुख्य द्वार को बाहर से बंद कर कांग्रेस को जुलूस निकालने से रोक दिया। कर्रा ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने उन्हें विरोध जुलूस नहीं निकालने दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य के दर्जे की बहाली की अपनी मांग दोहराना चाहते थे और अपनी मांगों पर एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे।’’ कर्रा ने कहा कि पार्टी के कई नेताओं को कांग्रेस कार्यालय पहुंचने से रोक दिया गया।

कर्रा ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि हमारे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जगहों पर रोक दिया गया है और यहां पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। यह प्रशासन का अलोकतांत्रिक कृत्य है..।’’ इसके बाद प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक चले गए। बाद में जेकेपीसीसी अध्यक्ष ने सोशल मीडिया मंच पर एक पोस्ट में कहा कि हमारी आवाज को दबाने के लिए पुलिस शक्ति का ‘दमनकारी और अलोकतांत्रिक इस्तेमाल’ पार्टी को डरा नहीं पाएगा। उन्होंने पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र पर ‘शर्मनाक हमला’ करार दिया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा कांग्रेस के विधायकों के साथ किया गया दमनकारी व्यवहार, जिन्हें राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जुलूस निकालने से रोका गया, लोकतंत्र पर एक शर्मनाक हमला है। जनप्रतिनिधियों की आवाज को बेरहमी से दबाया जा रहा है।…यह दमन हमें चुप नहीं करा सकता।’’

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) सचिव शाहनवाज चौधरी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘कार्यालय के बंद दरवाजों पर बल का यह शर्मनाक दृश्य निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और हम जिन लोगों की सेवा करते हैं, उनके लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है। जम्मू-कश्मीर की जनता की आवाज, जो उनके निर्वाचित नेताओं के माध्यम से उठाई जा रही है, ऐसे दमनकारी तरीकों से न तो दबाई जा सकती है और न ही दबाई जाएगी।’’

चौधरी ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग केवल एक राजनीतिक रुख नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में किए गए वादों तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा पुष्ट किए गए वादों पर आधारित एक उचित दावा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा हमारी लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति को दबाने के लिए पुलिस के इस्तेमाल से स्तब्ध हूं। हमारे विधायकों के साथ दुर्व्यवहार न केवल कांग्रेस पर हमला है, बल्कि हमारे देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने का अपमान है।’’

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *