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23-06-2025 Vol 19

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र चुनाव पर राहुल गांधी के दावों का किया समर्थन

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से ‘मैच फिक्सिंग’ के आरोप लगाने के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में एक बहुत बड़ा और खतरनाक राक्षस ‘अगिया वेताल’ प्रवेश कर गया है।

ठाकरे खेमे ने कहा कि राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग के भ्रष्ट गठजोड़ को उजागर किया है। इस वजह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे नेताओं का ‘मेकअप’ उतर गया है। दूसरों के दोष निकालने से पहले उन्हें अपने चेहरे को आईने में देखना चाहिए। अब उनका मेकअप पूरी तरह से उतर चुका है।

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा गया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के संवैधानिक पद पर हैं।

उन्होंने कहा राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर देश के संवैधानिक पद पर बैठे हैं। जब मोदी-शाह के हाथ में था तो उन्होंने कांग्रेस को विपक्ष के नेता का पद नहीं मिलने दिया, लेकिन इस बार जनता ने राहुल गांधी को ताकत दी और वे विपक्ष के नेता बन गए इसलिए इन शिकायतों को आधार मानकर चुनाव आयोग को ‘सूओ मोटो’ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन क्या मोदी-शाह इसकी इजाजत देंगे? यही सवाल है। 

राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और हमारे महान चुनाव आयोग के भ्रष्ट गठबंधन का मुखौटा उतार फेंक दिया है। इससे फडणवीस जैसे लोगों का ‘मेकअप’ खराब हो गया है। दूसरों के चेहरे से धूल झाड़ने से पहले उन्हें आईने में अपना चेहरा देखना चाहिए। अब मेकअप पूरी तरह उतर चुका है।

संपादकीय में कहा गया है, “राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक तरीकों से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर अपनी राय व्यक्त की। इसके लिए उन्होंने देश के कई अखबारों में लेख लिखे और इसमें विस्तार से जानकारी दी कि कैसे चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र का चुनाव चुराया। महाराष्ट्र ने लोकसभा चुनाव में मोदी एंड कंपनी को बुरी तरह से हरा दिया। ‘अबकी बार चार सौ पार’ का सपना महाराष्ट्र की वजह से खो गया था। 

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महाराष्ट्र का संकल्प इतना मजबूत था। उसके बाद छह महीने के भीतर विधानसभा चुनाव हुए। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस, राष्ट्रवादी और शिवसेना को मिलाकर पचास सीटें भी नहीं मिलीं। लोकसभा चुनाव के बाद सिर्फ छह महीने में ऐसा उलटफेर कैसे हो सकता है? क्या कोई इस पर विश्वास कर सकता है? इसे समझ सकता है? राहुल गांधी ने अपने लेख में खुलासा किया कि कैसे चुनाव आयोग की मदद से महाराष्ट्र चुनाव में ये सब मैच फिक्सिंग हुई, कैसे ये सब लोकतंत्र के लिए हानिकारक है और कैसे महाराष्ट्र के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में भी ‘मैच फिक्सिंग’ का यही पैटर्न लागू होगा।

शिवसेना ने संपादकीय में कहा कि मोदी सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को अपने तरीके से नियंत्रित करने के लिए कई चालें चलीं, जिनमें चुनाव आयोग में अपनी पसंद का पैनल बनवाना भी शामिल है। राहुल गांधी ने मतदाता सूची में धोखाधड़ी और 60-70 लाख मतदाताओं की संख्या बढ़ने की बात कही, साथ ही शाम 5 बजे के बाद मतदान होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने ये बहुत महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं।

ठाकरे ने कहा कि राहुल गांधी की मांग बहुत सरल है। वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए एक संयुक्त डिजिटल और मशीन-पठनीय मतदाता सूची जारी की जाए। साथ ही वे चाहते हैं कि महाराष्ट्र के सभी मतदान केंद्रों के शाम 5 बजे के बाद के सभी सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक किए जाएं। 

राहुल गांधी के सवालों का सीधे जवाब देने के बजाय, चुनाव आयोग ने भाजपा नेताओं को वकील बना दिया है। क्योंकि राहुल गांधी ने एक लेख लिखा था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी एक लेख लिखकर उनका जवाब देने की कोशिश की। एक राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव आयोग की तरफदारी करना गंभीर बात है। इसके बाद फडणवीस ने इस जवाब में उर्दू शायरी का सहारा लिया। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे डकैती जैसे थे, इसलिए इस डकैती का सबसे बड़ा फायदा फडणवीस को मिला और उन्होंने उर्दू में बोलना शुरू कर दिया।

आगे लिखा है आप लगातार गलतियां करते रहे, अपने चेहरे पर धूल होने पर भी अपनी आंखें पोंछते रहे। राहुल गांधी के तीर फडणवीस और अन्य लोगों के दिलों में सीधे लग गए हैं। चुनाव आयोग ने संविधान की हत्या कर दी है। महाराष्ट्र में सत्ता पाने के लिए अमित शाह ने दो बड़े क्षेत्रीय दलों, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को अलग कर दिया और दलबदल विरोधी कानून की 10वीं अनुसूची को बिना देखे इसे मंजूरी दे दी। यह सब असंवैधानिक है।

सामना में शिंदे को शिवसेना सौंपने को लेकर भी सवाल उठाया गया है। कहा गया है, ” मूल दल शिवसेना को धनुष-बाण चुनाव चिह्न के साथ ‘बाहरी’ ऐरे-गैरे एकनाथ शिंदे के हाथों सौंपना और उसी तरह शरद पवार के जीवनकाल में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को अजीत पवार की जेब में डालना, यह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव को चुराने की साजिश का हिस्सा था। 

इस संगठित अपराध में चुनाव आयोग ने हिस्सा लिया। अब चुनाव आयोग राहुल गांधी को अपनी आपत्तियों के बारे में लिखित शिकायत दर्ज कराने की सलाह दे रहा है। यह अपने चेहरे से कीचड़ साफ करने की कायरतापूर्ण कोशिश है।

Pic Credit : ANI

Naya India

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