चंडीगढ़। चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी जीत गई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और संख्या भी उनके पास थी फिर भी वे चुनाव हार गए हैं। चुनाव कराने के लिए भाजपा के एक नेता को पीठासीन अधिकारी बनाया गया था, जिन्होंने कांग्रेस और आप के आठ वोट अवैध कर दिए और इस तरह भाजपा चार वोट से चुनाव जीत गई। आम आदमी पार्टी ने इसे दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर का मुकाबला आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार से था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव हुआ था। पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने सुबह साढ़े दस बजे मेयर पद के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू कराई थी। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने सबसे पहले वोट डाला था। वे चंडीगढ़ नगर निगम की पदेन सदस्य हैं। उन्होंने सुबह करीब सवा 11 बजे नगर निकाय भवन में मतदान किया। बाद में भाजपा, आप, कांग्रेस, अकाली दल पार्षदों ने मतदान किया। नगर निगम के गणित के हिसाब से आप उम्मीदवार को 20 और भाजपा को 16 वोट मिले। लेकिन पीठासीन अधिकारी ने आप के आठ वोट रद्द कर दिए, जिससे भाजपा उम्मीदवार चार वोट से जीत गए।
नतीजों के बाद भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इस जीत पर चंडीगढ़ बीजेपी इकाई को बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया- प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र शासित प्रदेशों में रिकॉर्ड विकास हुआ है। यह कि विपक्षी गठबंधन ने अपनी पहली चुनावी लड़ाई लड़ी और फिर भी बीजेपी से हार गया, यह दर्शाता है कि न तो उनका अंकगणित काम कर रहा है और न ही उनकी केमिस्ट्री काम कर रही है।
दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर बेईमानी का आरोप लगाते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया और लिखा- चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिनदहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है। यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये बेहद चिंताजनक है।