चेन्नई। केंद्र सरकार के साथ अपने टकराव को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन अब नए मुकाम तक ले जा रहे हैं। वे राज्य का अधिकार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे संविधान की समवर्ती सूची में बदलाव करने और कई कामों को राज्य सूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।
इसके लिए उन्होंने एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस कुरियन जोसेफ इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। समिति में पूर्व अधिकारी अशोक शेट्टी और एमयू नागराजन भी शामिल होंगे।
राज्यों के अधिकारों पर स्टालिन की समिति
इस समिति को उन मामलों को फिर से राज्य सूची में लाने की सिफारिश करने का भी काम सौंपा है, जो पहले राज्य सरकार देखती थी, लेकिन अब केंद्र और राज्य सरकार दोनों के अधीन है यानी समवर्ती सूची में है। शिक्षा भी ऐसा ही एक विषय है, जिसे 1976 में इंदिरा गांधी ने 42वें संविधान संशोधन के जरिए समवर्ती सूची में डाल दिया था।
बहरहाल, इस समिति की अंतरिम रिपोर्ट जनवरी 2026 तक और अंतिम रिपोर्ट 2028 तक पेश की जानी है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस समिति का मकसद तमिलनाडु सहित सभी राज्यों के अधिकारों की रक्षा करना और केंद्र सरकार के साथ बेहतर संबंध बनाना है। दूसरी ओर तमिलनाडु के प्रदेश भाजपा नयनार नागेंद्रन ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के इस प्रस्ताव की आलोचना की है।
नागेंद्र ने कहा है, ‘मुख्यमंत्री का यह इस प्रस्ताव अलगाववादी मानसिकता को दिखता है। डीएमके चाहती है की सारी शक्तियां उसके हाथों में रहे’। गौरतलब है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच शिक्षा सहित कई मुद्दों को लेकर टकराव चल रहा है।
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