लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और उसे दरारवादी पार्टी करार दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने संभल में जानबूझकर हिंसा करवाई है और मासूम लोगों पर अत्याचार किया गया। सपा का प्रतिनिधिमंडल जब संभल गया तो उसे रोका गया। वहां जाने नहीं दिया गया। आखिर सरकार क्या छिपाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि इस घटना के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा दरारवादी पार्टी है। इनके लिए जीवन का कोई मोल नहीं है। यह एक हृदयहीन पार्टी (Heartless Party) है, जिसे किसी के प्रति कोई सहानुभूति नहीं है। इस सरकार में न्याय मिलना और जनता की सुनवाई होना असंभव है। सपा मुखिया ने कहा कि पीडीए के खिलाफ अन्याय और भ्रष्टाचार के दो पलड़े हैं। उन्हीं के लोग एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली और लखनऊ की राजनीति में आपस में लड़ाई चल रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मिल्कीपुर में सबसे साफ सुथरा चुनाव होने जा रहा है। मीडिया के लोगों को भी वहां कैमरा लेकर जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि वहां कैसे चुनाव हो होते हैं।
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अभी जब नौ विधानसभा सीटों (Assembly Seats) पर उपचुनाव हुए थे तो देखा गया था कि प्रशासन की मदद से लोगों को वोट नहीं करने दिया गया। बूथों पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया और वोट नहीं करने दिया गया। अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी का बिना नाम लिए कहा कि कुंभ में बड़ी संख्या में संत, महात्मा और ऋषि आए हैं। यह एक बड़ा आयोजन है। मैं सभी साधु-संतों और ऋषियों से प्रार्थना करता हूं कि जब वे यहां से जाएं, तो किसी साथी को भी साथ लेकर जाएं। यहां कई लोग ऐसे हैं, जो उन कामों में लगे हैं, जो उन्हें नहीं करने चाहिए। इससे दोनों तरफ का काम प्रभावित हो रहा है। इसके पहले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) ने संभल हिंसा से संबंधित रिपोर्ट मीडिया के सामने रखी। उन्होंने कहा कि संभल में मस्जिद का सर्वे कराने को लेकर जानबूझकर तनाव पैदा किया। सर्वे करने जाने वाली टीम में भाजपा के लोग शामिल थे और जब विवाद बढ़ गया तो भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं किया गया बल्कि सीधे गोली चला दी गई। इस घटना से प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया गया।