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मणिपुर में मुआवजा देगा केंद्र

ByNI Desk,
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इंफाल। मणिपुर की जातीय हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को केंद्र सरकार मुआवजा देगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को इसका ऐलान किया गया। इससे पहले अमित शाह ने राज्य की सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया। वे सोमवार की शाम को इंफाल पहुंचे थे। इसके एक दिन बाद मंगलवार को ऐलान किया गया है कि मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा और हर परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलेगी।

इससे पहले अमित शाह ने मंगलवार को हिंसा प्रभावित चूराचांदपुर जिले का दौरा किया। चूराचांदपुर में ही तीन मई को हिंसा भड़की थी और सबसे ज्यादा लोगों की जान भी इसी इलाके में गई है। मंगलवार को जब अमित शाह वहां पहुंचे तो आदिवासी महिलाओं ने राष्ट्रीय ध्वज थामे उनका स्वागत किया। स्थानीय लोगों ने पोस्टर लिया हुआ था, जिस पर उन्होंने लिखा था कि सिर्फ केंद्र सरकार ही उनकी समस्या का समाधान ढूंढ सकती है।

बहरहाल, तीन दिन के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इंफाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की। सोमवार की रात को भी उन्होंने समीक्षा बैठक की थी। मुख्यमंत्री और सरकारी अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में भाजपा नेता संबित पात्रा की मौजूदगी को लेकर विवाद भी हुआ। बहरहाल, मंगलवार को अलग अलग समूहों के लोगों से अमित शाह के मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जिन प्रमुख हस्तियों से गृह मंत्री ने मुलाकात की उन्होंने शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और भरोसा दिया कि सब साथ मिलकर मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने में योगदान देंगे।

कहा गया कि इंफाल में मुख्यमंत्री सचिवालय में विस्तृत चर्चा हुई, जहां अलग अलग समूहों के लोगों ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने का संकल्प किया। केंद्र ने यह भी कहा कि अफवाहों को दूर करने के लिए बीएसएनएल की मदद से टेलीफोन लाइनें भी स्थापित की जाएंगी। गौरतलब है कि तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान कुकी और मैती समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में तीन और चार मई को 50 से ज्यादा लोग मारे गए। अब तक इस हिंसा में 80 लोगों की जान जा चुकी है। कुकी आदिवासी समूह राज्य के बहुसंख्यक मैती समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहा है।

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