नई दिल्ली। अदानी समूह की कथित गड़बड़ियों पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा कराने और इसकी जांच कराने को लेकर सोमवार को संसद से लेकर सड़क तक जम कर हंगामा हुआ। संसद भवन परिसर में विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। सदन के अंदर इस मसले पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया, जिससे संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी। इस बीच कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में एलआईसी और स्टेट बैंक के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस और दूसरी तमाम विपक्षी पार्टियां अदानी समूह की शेयर बाजार की कथित गड़बड़ियों की साझा संसदीय समिति से जांच कराने की मांग पर अड़ी रहीं। विपक्ष पिछले हफ्ते से इसकी मांग कर रहा है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साझा संसदीय समिति यानी जेपीसी से या सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज की अध्यक्षता में कमेटी बना कर जांच की मांग की है। सोमवार को भी विपक्ष इस मांग पर अड़ा रहा।
सोमवार को हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- सरकार अदानी पर संसद में बहस नहीं चाहती। सरकार डरी हुई है। मोदीजी पूरी कोशिश करेंगे कि अदानी पर संसद में बहस नहीं हो। मैं दो-तीन साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं। अदानी के पीछे कौन सी शक्ति है। यह सामने आना चाहिए। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने नई याचिका दाखिल कर रिटायर जज की अगुआई में अदानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच कराने की मांग की गई है।
सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने अदानी मामले में चर्चा की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद जब दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा जारी रहा, जिसके बाद कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की। इसमें कांग्रेस के अलावा डीएमके, एनसीपी, बीआरएस, जेडीयू, सीपीएम, सीपीआई, केरल कांग्रेस, जेएमएम, राजद, रालोद, आरएसी, मुस्लिम लीग, आम आदमी पार्टी और शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता मौजूद रहे। कांग्रेस की इस मीटिंग में 15 विपक्षी पार्टियां शामिल हुईं।