नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने अपने मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को अघोषित आपातकाल बताया है और केंद्र सरकार पर हमला किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि तीन से पांच साल तक की सजा वाले अपराध में पुलिस ने उनको बिना नोटिस गिरफ्तार किया। खुद पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद कहा कि देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हो गए हैं। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेशा और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा घबराई हुई है और इस बौखलाहट में कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद खेड़ा ने कहा- यह न्यायपालिका की जीत है। मेरे अधिकारों को बनाए रखने के लिए अदालत का धन्यवाद। उन्होंने कहा- मेरी टिप्पणी जुबान फिसलने के कारण थी या नहीं, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं। पवन खेड़ा ने कहा- असम पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे अरेस्ट किया। गिरफ्तारी को लेकर न ही मुझे पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस मिला। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जिसने आज मेरी फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा की। मामला कोर्ट में है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।
गौरतलब है कि पवन खेड़ा ने एक एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था- हम स्पष्ट बात कर रहे हैं जेपीसी। हम कह रहे हैं कि संसद में बजट सत्र के दौरान आप चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? जब नरसिंह राव जेपीसी बना सकते थे, अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बैठा सकते थे। फिर नरेंद्र गौतम दास, सॉरी दामोदर दास मोदी को क्या परेशानी है…। इसके बाद पवन खेड़ा हंसने लगे। पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी। अदालत ने भी उनको सोच समझ कर बोलने को कहा, जिस पर उनके वकील सिंघवी ने भी कहा कि वे इस तरह के बयान के समर्थक नहीं हैं।