बेंगलुरू। कांग्रेस की तरफ से कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार के आखिरी चरण में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने कमान संभाली। गौरतलब है कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को प्रचार का आखिरी दिन है। सोमवार की शाम तक राहुल और प्रियंका को सात रैलियां और कुछ रोड शो करने हैं। इसमें से सात मई यानी रविवार को राहुल ने अनेकल और पुलकेशी नगर में सभा को संबोधित किया, वहीं प्रियंका ने पहले मूडबिद्री में एक रैली की और फिर महादेव पुरा और बेंगलुरु साउथ में रोड शो निकाला।
राहुल गांधी ने रविवार की सुबह बेंगलुरू में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो को लेकर कहा- मोदी जी का रोड शो देखा है न आपने, खुद गाड़ी पर चलते हैं बाकी लोगों को पैदल कर देते हैं। राहुल ने यह बयान देते हुए कर्नाटक भाजपा के दो बड़े नेताओं बीएस येदियुरप्पा और बसवराज बोम्मई का नाम भी लिया। उन्होंने कहा- हम हर रोड शो और रैली में अपने सभी नेताओं को पूरी इज्जत देते हैं।
रविवार को राहुल गांधी ने बेंगलुरु में गिग वर्कर्स यानी दिहाड़ी पर काम करने वालों और डिलीवरी ब्वॉय का काम करने वाले लोगों के साथ डोसा खाया। उन्होंने एक डिलीवरी ब्वॉय के साथ स्कूटर की सवारी भी की। इस दौरान राहुल ने उन लोगों की जिंदगी और कामकाज के बारे में बातचीत की। अनेकल में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मणिपुर का जिक्र किया, जहां के हालात इस समय बेहद खराब है।
राहुल ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा- एक राज्य में आग लगी हुई है, लोग मारे जा रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इससे कोई लेना-देना नहीं है। मणिपुर आज नफरत की राजनीति के कारण जल रहा है। इसी नफरत की राजनीति के खिलाफ हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी। राहुल ने अपने भाषण में मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर एक भाजपा नेता की टिप्पणी का भी जिक्र किया। जिसमें खड़गे और उनके परिवार को जान से मारने की बात कही गई थी। इस पर राहुल ने कहा- प्रधानमंत्री जी हमारे एक सीनियर लीडर को जान से मारने की बात कही जाती है इस पर आप कुछ क्यों नहीं बोलते।
राहुल से पहले प्रियंका ने मूडबिद्री में एक जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर कर्नाटक में हिंसा है तो बेरोजगारी की वजह से है। उन्होंने कहा- अगर कर्नाटक में हिंसा है तो आपके 40 फीसदी कमीशन की वजह से है। पहले चार अलग-अलग बैंक थे, कॉरपोरेशन बैंक, विजया बैंक, सिंडिकेट बैंक और केनरा बैंक, और अब इस सरकार की वजह से आज सभी का एक बैंक में विलय हो गया है।