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कर्नाटक का फॉर्मूला तय नहीं!

नई दिल्ली। कांग्रेस आलाकमान कर्नाटक में सरकार बनाने का फॉर्मूला तय नहीं कर पाया है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया मुख्यमंत्री की रेस में आगे हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार उनके साथ उप मुख्यमंत्री बनने को राजी नहीं हैं और न ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनने के फॉर्मूले से सहमत हैं। पहले कहा जा रहा था कि वे उप मुख्यमंत्री और दो या तीन अहम मंत्रालय लेकर मान गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वे प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। लेकिन बुधवार को देर रात तक वे इस पर सहमत नहीं हुए। बताया जा रहा है कि उन्होंने बेंगलुरू से अपने समर्थकों को दिल्ली आने के लिए कहा है।

इससे पहले तीन दिन की माथापच्ची के बाद बुधवार को देर रात राहुल गांधी ने सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों से एक साथ बैठक की। इससे पहले दिन में दोनों अलग अलग जाकर राहुल से मिले थे। पहले सिद्धरमैया की राहुल से मुलाकात हुई थी और उसके बाद शिवकुमार उनसे मिलने पहुंचे थे। फिर राहुल ने सोनिया गांधी से बात की थी। राहुल गांधी के साथ शिवकुमार की दोनों बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकला। इस बीच गुरुवार को होने वाला शपथग्रहण समारोह टाल दिया गया है। हालांकि कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को दिन में कहा कि 48 से 72 घंटे के भीतर कैबिनेट बन जाएगी।

इस बीच जानकार सूत्रों का कहना है कि शिवकुमार ने यह प्रस्ताव दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बना दिया जाए तो वे उनके साथ काम करने को तैयार हैं। लेकिन यह प्रस्ताव पार्टी आलाकमान को मंजूर नहीं है। बहरहाल, रविवार से ही कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री तय करने की कवायद में जुटी है। रविवार को बेंगलुरू में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसमें कांग्रेस आलाकमान की ओर से नियुक्त तीन पर्यवेक्षक मौजूद थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि पार्टी के 135 विधायकों में से करीब 90 विधायकों ने सिद्धरमैया का समर्थन किया है।

बुधवार को दिल्ली में दिन भर खूब राजनीतिक गहमागहमी रही। सिद्धरमैया और शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके बाद ही सिद्धरमैया के सीएम बनने की खबर आई और दिल्ली से कर्नाटक तक उनके समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। उनकी फोटो पर दूध चढ़ाने के विजुअल दिन भर टेलीविजन चैनलों पर चले। हालांकि फैसला नहीं हुआ था क्योंकि शिवकुमार सीएम बनने पर अड़े थे। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को यह भी कहा है कि अगर उनको मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वे पार्टी को 20 से 22 लोकसभा सीट जीता सकते हैं।

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