नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा के चुनाव की घोषणा कर दी है। कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 10 मई को वोट डाले जाएंगे और 13 मई को वोटों की गिनती होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करके चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। हैरानी की बात है कि चुनाव की घोषणा के दो हफ्ते बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। चुनाव आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के मुताबिक 13 अप्रैल को अधिसूचना जारी होगी और उसी दिन से नामांकन शुरू होगा।
चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक 13 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा और 20 अप्रैल नामांकन की आखिरी तारीख है। 21 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 24 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का भी ऐलान किया। उत्तर प्रदेश में अब्दुल्ला आजम की अयोग्यता से खाली हुई स्वार सीट पर उपचुनाव होगा।
बहरहाल, कर्नाटक का चुनाव राजनीतिक रूप से बेहद अहम है। पिछले चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनने पर कांग्रेस और जेडीएस ने मिल कर सरकार बनाई थी। बाद में जुलाई 2019 में कांग्रेस के विधायकों को तोड़ कर भाजपा ने अपनी सरकार बनाई। पहले बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे और बाद में उनको हटा कर बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया गया। राज्य में पांच करोड़ 21 लाख से कुछ ज्यादा मतदाता हैं। इस बार के चुनाव में नौ लाख से कुछ ज्यादा नए मतदाता जुड़े हैं।
कर्नाटक चुनाव की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को बताया कि करीब 1,320 मतदान केंद्रों पर केवल महिला कर्मचारी मौजूद रहेंगी। इसके अलावा 240 मतदान केंद्रों को मॉडल पॉलिंग स्टेशन बनाया जाएगा। युवाओं को मतदान केंद्रों पर लाने के लिए 224 मतदान केंद्र सिर्फ युवाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। कर्नाटक में कुल 58,282 मतदान केंद्र हैं, जिसमें से 20,866 शहरी केंद्र हैं। राजीव कुमार ने बताया कि 50 फीसदी यानी 29,140 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- हमने कर्नाटक विधानसभा के मतदान का दिन बुधवार रखा है. इससे हो सकता है कि लोग बाहर तो नहीं जा सकेंगे, क्योंकि दो दिन की छट्टी मिलने में थोड़ी मुश्किल होगी। इससे लोग मतदान करने आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि कर्नाटक में 80 साल से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान करने की सुविधा उपलब्ध होगी।