नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के साझा सत्र को संबोधित करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जम कर तारीफ की। उन्होंने सरकार को साहसी और त्वरित फैसले करने वाली सरकार बताया। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने पहली बार संसद के साझा सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत में मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार है, जो बिना डरे काम कर रही है। उन्होंने इसके लिए सर्जिकल स्ट्राइक, आतंकवाद पर सख्ती, अनुच्छेद 370 हटाने और तीन तलाक के फैसले का हवाला दिया।
बजट सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने केंद्र सरकार को लगातार दो बार मौका देने के लिए लोगों का आभार जताया। एक घंटे से कुछ ज्यादा समय के अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा- हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है, जहां गरीबी न हो और मध्य वर्ग वैभव से युक्त हो। उन्होंने गरीबों को मुफ्त अनाज की स्कीम जारी रखने की बात कही और साथ ही 11 करोड़ छोटे किसानों की मदद के लिए सवा दो लाख करोड़ रुपए की सम्मान निधि दिए जाने का जिक्र भी किया।
राष्ट्रपति ने अपने भाषण में आजादी के सौ साल पूरे होने तक यानी 2047 तक के लक्ष्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा- 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसमें अतीत का गौरव और आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय हो। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है। जहां गरीबी न हो। युवा समय से दो कदम आगे चलते हों। ऐसा भारत हो, जिसकी विविधता और उज्ज्वल और एकता और ज्यादा अटल हो। उन्होंने कहा- मेरी सरकार को कुछ ही महीने में नौ साल पूरे हो जाएंगे। इन नौ साल में भारत के लोगों ने सकारात्मक परिवर्तन देखे। आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है। पहले हम दुनिया पर निर्भर हुआ करते थे, आज दुनिया की समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। हम दुनिया की 10वें नंबर की अर्थव्यवस्था से पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं। यही वह नींव है, जो आने वाले 25 साल में विकसित भारत के आत्मविश्वास को बुलंद करेगी। उन्होंने कहा- देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार दो बार स्थिर सरकार चुनी। सरकार ने देश हित को सर्वोपरि रखा। दुनिया में जहां भी राजनीतिक अस्थिरता है, वो देश संकट से घिरे हैं। हमारी सरकार ने जो निर्णय लिए, उससे भारत आज बाकी दुनिया से बेहतर स्थिति में है।