जम्मू। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिए दिग्विजय सिंह के बयान से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वे सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने वाले बयान से सहमत नहीं हैं। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है और सबको अपनी बात रखने का हक है। राहुल ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि उनके मन में आरएसएस या भाजपा के प्रति नफरत का भाव नहीं है।
गौरतलब है कि सोमवार को दिग्विजय सिंह ने 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाया था और कहा था कि सरकार ने इसका कोई सबूत नहीं दिया। इसके एक दिन बाद मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस ने सेना के शौर्य पर कभी सवाल नहीं उठाया है। अगर सेना कुछ करती है तो उस पर सबूत देने की जरूरत नहीं। ये दिग्विजय जी की निजी राय है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। दिग्विजय सिंह पर कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में डिक्टेटरशिप नहीं है। उन्होंने कहा- हम दूसरों की आवाज दबा कर पार्टी चलाने में यकीन नहीं करते हैं।
राहुल ने आगे कहा- कांग्रेस में किसी की बात को दबाया नहीं जाता, जहां चर्चा होगी वहां बेहूदा बात भी होगी। मुझे पार्टी के सीनियर लीडर के लिए ऐसा कहते हुए बुरा लग रहा है, लेकिन दिग्विजय जी ने बेहूदा बात ही कही है। आरएसएस और भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा- जब हम अंग्रेजों से लड़ रहे थे, तब भाजपा-संघ के लोग उनके साथ थे। उन्हीं के नेताओं ने दो देशों का सिद्धांत दिया। मेरे दिल में भाजपा, आरएसएस, प्रधानमंत्री मोदी के लिए नफरत नहीं है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा- राजनाथ सिंह जी ने अगर ऐसा कहा है कि मेरे दिल में नफरत है और मैं नफरत ही फैलाने निकला हूं, तो ये उनकी गलत सोच है। हालांकि, मुझे बड़ी हैरानी होगी अगर ये उनके अपने विचार हुए तो। जिस पार्टी में वे हैं, वहां उन्हें ऊपर से आदेश आते हैं कि क्या कहना है। मुझे नहीं लगता कि ऐसे बयान देने के अलावा उनके पास कोई और ऑप्शन होगा।
राहुल गांधी ने भाजपा पर निशान साधते हुए कहा- भाजपा में चर्चा नहीं होती है। वहां पीएम मोदी सुबह उठते हैं और फैसला ले लेते हैं, जिसे सबको मानना पड़ता है। जैसे उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी के समय किया था। उन्होंने कहा- कांग्रेस के विचार पार्टी के अंदर चर्चाओं से बनते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दिग्विजय सिंह के विचार पार्टी की विचारधारा से बिल्कुल अलग हैं। यात्रा ने अब तक जो हासिल किया है, वो उनके बयान से खत्म नहीं हो जाता है।