nayaindia supreme court same sex marriage case समलैंगिक विवाह का मामला संविधान पीठ को

समलैंगिक विवाह का मामला संविधान पीठ को

नई दिल्ली। समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ विचार करेगी। इस मामले में 15 याचिकाएं दायर की गई हैं और केंद्र सरकार ने अपने जवाब में इसका विरोध किया है। इन याचिकाओं पर सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई से एक दिन पहले रविवार को केंद्र सरकार ने हलफनामा देकर इसका विरोध किया गया था।

सोमवार को याचिकाकर्ताओं ने अदालत से केंद्र के हलफनामें का जवाब देने के लिए समय मांगा। इसके बाद अदालत ने याचिका को संविधान पीठ को सौंप दिया। अब पांच जजों की बेंच 18 अप्रैल से इस पर सुनवाई करेगी। सरकार ने सभी 15 याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा है कि ये भारतीय परिवार की अवधारणा के खिलाफ है। सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि परिवार की अवधारणा पति-पत्नी और उनसे पैदा हुए बच्चों से होती है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को एक समलैंगिक जोड़े की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था और चार सप्ताह में केंद्र से जवाब मांगा था। इसके अलावा 14 दिसंबर 2022 को समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मान्यता देने की नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित इसी तरह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर भी नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने इस मामले में सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में कई लोग इसमें रुचि रखते हैं। अदालत ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया।

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