Wednesday

30-04-2025 Vol 19

सुप्रीम कोर्ट को निवेशकों की चिंता

625 Views

नई दिल्ली। अदानी समूह की कथित गड़बड़ियों पर अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और कंपनी के शेयरों में आई गिरावट से निवेशकों को हुए नुकसान पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने सेबी और सरकार दोनों से सुझाव मांगा है कि कैसे निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकती है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने  पूछा है कि भविष्य में फिर से ऐसा ना हो, इसके लिए क्या नियामक तंत्र हो? सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेषज्ञ पैनल बनाने पर विचार करने का सुझाव भी दिया है, जिसमें सेबी, प्रतिभूति क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग के सदस्य हों।

अदालत ने इस मामले में दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा है कि निवेशकों के हितों की रक्षा करना जरूरी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अदानी समूह से जुड़ी घटना में तथ्यात्मक व नियामक यानी सेबी पर संक्षिप्त रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने कहा है- हमारे हर शब्द का असर होता है। हम किसी संस्था पर सवाल नहीं उठा रहे। याचिकाओं पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों- विशाल तिवारी और मनोहर लाल शर्मा ने इस मामले में अलग अलग याचिका दायर की है। विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर जांच कराने की मांग की है, जबकि मनोहर लाल शर्मा ने निवेशकों का शोषण और उनके साथ धोखाधड़ी करने के लिए शार्ट सेलर के खिलाफ जांच किए जाने की मांग की है। याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 120बी और सेबी के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

सुनवाई की शुरुआत में चीफ जस्टिस ने पूछा कि यह किस प्रकृति की याचिका है? याचिकाकर्ता ने कहा कि सिविल याचिका है, जांच की मांग है।. सेबी की ओर से सॉलिसीटर जनरल ने कहा- हम याचिका पर जवाब दाखिल करेंगे। चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता और सॉलिसीटर जनरल दोनों से पूछा- यह कैसे सुनिश्चित करें कि निवेशकों का संरक्षण किया जाए, क्या हमारे पास पुख्ता मैकेनिज्म है? भविष्य में ऐसा ना हो क्या इसके लिए इतंजाम हैं?

चीफ जस्टिस ने कहा- हम सेबी पर कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं। हमें इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या नियामक ढांचे में किसी संशोधन की आवश्यकता है? हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक नियामक तंत्र बनाने की आवश्यकता है कि भविष्य में ऐसा न हो। क्या किसी एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जा सकता है? तुषार मेहता ने कहा- हम इस पर निर्देश लेकर बता सकते हैं। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि, मध्य वर्ग खास तौर पर बड़े पैमाने पर निवेश करता है। हमें इसका ध्यान रखने की जरूरत है।

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *