nayaindia Ramlala के दर्शन को आ रहे दर्शनार्थी इन नियमों को जानें

रामलला के दर्शन को आ रहे दर्शनार्थी इन नियमों को जानें

Ramlala
Ramlala Pran Pratishtha

नई दिल्ली। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद से राम भक्तों की लगातार भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की गई हैं। Ramlala 

ट्रस्ट की ओर से मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रतिदिन औसतन 1 से 1.5 लाख दर्शनार्थी दर्शन कर रहे हैं। दर्शनार्थी श्री राम जन्मभूमि मंदिर में सुबह 6:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक दर्शन हेतु प्रवेश कर सकते हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi Temple) में प्रवेश करने से लेकर, दर्शन कर बाहर आने तक की प्रक्रिया अत्यंत सरल एवं सुगम है। सामान्यतः दर्शनार्थियों को 60 से 75 मिनट के भीतर भगवान श्री रामलला सरकार के दिव्य दर्शन सुगमता से हो जाते हैं।

भक्त यदि अपना मोबाइल, जूते-चप्पल, पर्स आदि सामान मंदिर परिसर के बाहर रखकर आयेंगे, तो उन्हें अत्यंत सुविधा होगी तथा उनके समय की भी बचत होगी। ट्रस्ट ने आगे बताया श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में अपने साथ फूल-माला, प्रसाद आदि लेकर न आएं। सुबह 4 बजे मंगला आरती, 6:15 बजे श्रृंगार आरती एवं रात 10 बजे शयन आरती में प्रवेश, प्रवेश पत्र द्वारा ही संभव है। अन्य आरतियों के समय प्रवेश पत्र की आवश्यकता नहीं है। प्रवेश पत्र हेतु दर्शनार्थी का नाम, आयु, आधार कार्ड (Aadhar Card), मोबाइल नंबर और शहर का नाम जैसी सूचनाएं आवश्यक हैं।

यह प्रवेश पत्र श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट से भी उपलब्ध हो सकता है। यह प्रवेश पत्र निःशुल्क है। निर्धारित शुल्क को लेकर दर्शन की या किसी विशेष पास की व्यवस्था श्री राम जन्मभूमि मंदिर में नहीं है। यदि फिर भी आपको कभी पैसा लेकर दर्शन करवाने का समाचार सुनने को मिलता है, तो वह धोखाधड़ी का प्रयास हो सकता है। मंदिर प्रबंधन का इससे कोई संबंध नहीं है। मंदिर में वृद्धजनों एवं दिव्यांगजनों के लिए व्हीलचेयर (Wheelchair) उपलब्ध है। यह व्हीलचेयर केवल श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर के लिए है, अयोध्या शहर या किसी अन्य मंदिर हेतु नहीं। इस व्हीलचेयर का कोई किराया नहीं है, परंतु व्हीलचेयर ले जाने वाले वालंटियर (स्वयंसेवक) को सामान्य पारिश्रमिक देना होगा।

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