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पाचन को दुरुस्त कर रीढ़ को मजबूती देता है वक्रासन

Exercise

आज की व्यस्त और भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल कई मानसिक और शारीरिक समस्याओं को दावत देती है। इनका समाधान योगासनों में छिपा है और इसे दिनचर्या में शामिल कर स्वस्थ रहा जा सकता है। ऐसे ही एक सरल आसन का नाम है वक्रासन।  

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ योगा, वक्रासन के बारे में विस्तार से जानकारी देता है। यह कमर और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के लिए बेहतरीन माना जाता है। मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ ही यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है।

योगा इंस्टीट्यूट के मुताबिक वक्रासन के लिए सबसे पहले जमीन पर पैर सीधे रखकर बैठें। दाहिना पैर घुटने से मोड़कर बाएं जांघ के बाहर रखें। बायां हाथ दाहिने घुटने के ऊपर से ले जाकर दाहिने पैर के पंजे को पकड़ें और दाहिनी ओर मुड़कर देखें। इसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ भी दोहराएं। इस दौरान सांस सामान्य रखें और 25 से 30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।

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वक्रासन के अभ्यास से एक-दो नहीं कई फायदे मिलते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है। कमर और कंधों का दर्द दूर करने में मदद मिलती है। पाचन तंत्र मजबूत होता है, कब्ज की शिकायत कम होती है। गैस, एसिडिटी की समस्या दूर होती है। लिवर और किडनी को सक्रिय कर डिटॉक्स में सहायता करता है। शारीरिक समस्याओं में राहत देने के साथ ही वक्रासन मानसिक समस्याओं में भी राहत देता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है।

वक्रासन बहुत फायदेमंद है, लेकिन गलत तरीके से या गलत स्थिति में करने से नुकसान भी हो सकता है। इसलिए हमेशा प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में ही अभ्यास करना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। गंभीर पीठ दर्द या स्लिप डिस्क की समस्या या मेरुदण्ड (स्पाइन) में कोई विकार या चोट हो तो इसे नहीं करना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को या पेट की सर्जरी हुई हो तो सावधानी बरतनी चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।

Pic Credit : ANI

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By Naya India

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