nayaindia Bharat Jodo Yatra Opposition Party विपक्षी स्वरों को जोड़ना
बेबाक विचार

विपक्षी स्वरों को जोड़ना

ByNI Editorial,
Share

तो फिर भारत जोड़ो यात्रा किसलिए है? अगर इसके पिछले चार महीने के अनुभवों पर गौर करें, तो यह साफ हुआ है कि इससे आज के हालात के असंतुष्ट लोगों को सामने आने का एक मौका मिला है, जो अपना दम घूंटता महसूस कर रहे थे।

भारत जोड़ो यात्रा के उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने से पहले यह सवाल उठा कि क्या राहुल गांधी का यह प्रयास विपक्षी दलों को एक साथ लाने में कामयाब हो सकेगा। यह सवाल को खास बल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कि एक टिप्पणी से मिला, जिसमें उन्होंने यात्रा में शामिल होने से इनकार करते हुए कांग्रेस और भाजपा को एक जैसी पार्टी बता दिया। हालांकि बाद में यात्रा में शामिल होने के आमंत्रण का जवाब भेजते हुए उन्होंने यात्रा को अपनी शुभकामनाएं दीं। ऐसी शुभकामना मायावती ने भी दी। इसके बावजूद चुनावी समीकरणों की दृष्टि में उलझे मीडियाकर्मियों की चर्चा में यह सवाल बना हुआ है कि क्या इस यात्रा से अगले चुनावों में कांग्रेस या कुल विपक्ष की संभावनाएं बेहतर होंगी। इस सवाल के बारे में यह बात लगभग भरोसे के साथ कही जा सकती है कि ऐसा नहीं होगा। और कम से कम राहुल गांधी को इस बारे में कोई भ्रम नहीं है।

31 दिसंबर की अपनी प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने फिर दो टूक कहा कि टैक्टिकल-पॉलिटिकल प्रयासों से भाजपा-आरएसएस को हराना फिलहाल संभव नहीं रह गया है। तो फिर भारत जोड़ो यात्रा किसलिए है? अगर इसके पिछले चार महीने के अनुभवों पर गौर करें, तो यह साफ होता है कि इससे भारतीय राजनीति में जारी गतिरोध टूटा है। इससे आज के हालात के असंतुष्ट और असहमत उन लोगों को सामने आने का एक मौका मिला है, जो अपना दम घूंटता महसूस कर रहे थे। उत्तर प्रदेश में यात्रा के प्रवेश के दिन पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत का इसमें शामिल होना बताता है कि इस तरह के लोग उस एक ऐसे द्वार की तलाश में हैं, जिससे वे अपनी कल्पना के भारत को वापस हासिल करने के लिए अपने बंद दायरे से बाहर आ सकें। राम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी महंत सत्येंद्र दास की राहुल गांधी को लिखी गई चिट्ठी भी ऐसी ही भावना का संकेत देती है। इस रूप में भारत जोड़ो यात्रा ने विपक्षी स्वरों को जोड़ना शुरू किया है। लेकिन यह लंबा रास्ता है। अगर यात्रा उस पर आगे बढ़ने में सक्षम साबित हुई, तो विपक्षी ताकतें भी जुड़ेंगी, यह उम्मीद की जा सकती है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें