सर्वजन पेंशन योजना
  • भागलपुर का पुल

    जब हादसा होता है, तो कुछ दिन तक मीडिया में उसकी चर्चा रहती है और लोग भी उस पर बातें करते हैं। हर ऐसी बड़ी घटना पर जांच का एलान किया जाता है। फिर धीरे-धीरे सब कुछ ‘सामान्य’ हो जाता है। बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल के गिरने का वीडियो दुनिया भर में चर्चित हुआ है। चूंकि ऐसे विजुअल कम ही मिलते हैं, इसलिए मेनस्ट्रीम से लेकर सोशल मीडिया तक पर लोगों ने इसे खूब देखा। और चूंकि यह घटना ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना से बने माहौल के बीच हुई, तो...

  • भारत आकर क्यों घिरे?

    इल्जाम है कि पिछले हफ्ते हुई भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री दहल ने नेपाल को पूरी तरह भारत पर निर्भर बना दिया। जबकि इस यात्रा के दौरान नेपाल को ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ। नेपाल के विपक्षी दलों के साथ-साथ बुद्धिजीवियों और मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को घेरने में जुट गया है। उनका इल्जाम है कि पिछले हफ्ते हुई भारत यात्रा के दौरान दहल ने नेपाल को पूरी तरह ‘भारत पर निर्भर’ बना दिया। इस यात्रा के दौरान नेपाल को ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ। कहा गया है कि दहल सीमा विवाद, विमान रूट,...

  • रेल दुर्घटनाः जवाबदेही है ही नहीं!

    बालासोर ट्रेन हादसे के लिए आखिर कोई तो उत्तरदायी होगा? लेकिन वर्तमान सरकार के तहत उत्तरदायित्व एक अप्रचलित शब्द है। सरकार ने जो किया है, भले के लिए किया होगा- यह इस बात को मान कर चलने का दौर है! ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना की जांच सीबीआई को सौंपने की खबर अगर बहुत से लोगों के गले नहीं उतरी है, तो उसका कारण है। सीबीआई अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी है। तो क्या सरकार को कहीं से इस बात के संकेत मिले हैं कि इस दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ हुई हो सकती है? जबकि रेलवे...

  • नीतिगत अस्थिरता ठीक नहीं

    अब सौर पैनलों पर टैक्स घटा, तो चीन से ही आयात बढ़ेगा। इससे भारत के बारे में क्या धारणा बनेगी? इसीलिए अपेक्षित यह है कि कोई कदम सभी पहलुओं पर पूरे विचार-विमर्श के बाद ही उठाया जाए।  एक खबर के मुताबिक भारत सरकार अब चीन से सौर पैनलों के आयात पर टैक्स घटाने पर विचार कर रही है। जबकि इसके पहले भारत ने चीन से आयात कम करने के लिए सौर पैनलों पर 40 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया था। सवाल है कि जब यह फैसला लिया गया, उसके बाद स्थिति में ऐसा क्या बदलाव आ गया है? एक विदेशी एजेंसी...

  • सरकार की यह कैसी नैतिकता?

    पहलवान यौन उत्पीड़न का मामला सियासत का नहीं है। यह एक के जघन्य अपराध का मामला है। इस तरह इस मामले में जिन पर भी आंच आई है, उनकी नैतिक साख का क्षरण लाजिमी है। यह बात बेहिचक कही जा सकती है कि नरेंद्र मोदी के बतौर प्रधानमंत्री नौ साल के कार्यकाल में उनकी सरकार की नैतिक साख का जितना क्षरण पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। इस दौरान राफेल और अडानी जैसे मामलों में सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। चीन से विवाद के क्रम में सरकार की नाकामियां खूब चर्चित हुईं।...

  • भारत-चीनः सूचना आवाजाही पर रोक

    भारत का चीन के खिलाफ प्रभावी कदम उठाना सही रास्ता होगा। लेकिन यह कदम दोनों तरफ सूचनाओं का अंधकार कर देना कतई नहीं हो सकता। इसलिए चीन और भारत दोनों को इस मामले में तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए। कहा जाता है कि कूटनीति की जरूरत वहां अधिक होती है, जहां रिश्ते अच्छे ना हों। इसी तरह उस पक्ष के बारे में जानना ज्यादा महत्त्वपूर्ण होता है, जिससे किसी देश के हितों को नुकसान पहुंचने की ज्यादा आशंका हो। लंबे समय से बनी और समय की कसौटी पर खरी उतरी इस समझ की रोशनी में देखें, तो यह खबर गहरी चिंता...

  • भारत के लिए मौसम होगा बड़ी चुनौती

    एक ताजा शोध में कहा गया है कि अगर दुनिया का तापमान बढ़ता रहा, तो सबसे ज्यादा असर भारत पर होगा। इस शोध के मुताबिक तापमान में  2.7 डिग्री की वृद्धि का असर 60 करोड़ से ज्यादा भारतीयों पर पड़ेगा। भारत में असामान्य मौसम ही अब सामान्य बन चुका है। मई में जैसी बारिश इस बार हुई है, वह इसी बात की पुष्टि करती है। अब आपने वाले दिनों में कैसा मौसम होगा, इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल हो गया है। असल में जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ता तापमान पूरी दुनिया नए संकट पैदा कर रहा है। लेकिन...

  • बेरोजगारी है विकराल, गंभीर बने!

    भारत में बेरोजगारी असल समस्या का मुखौटा मात्र है। उस मुखौटे के पीछे अंडरइंपलॉयमेंट और परोक्ष बेरोजगारी का विशाल संकट है। जाहिर है, भारत के सामने एक एक दुश्चक्र में फंसने का खतरा है। भारत सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में वेतनभोगी महिला कर्मियों की संख्या दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वैसे कुल मिला कर रोजगार की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है, भले शहरों में युवा कर्मियों के लिए स्थिति कुछ बेहतर हुई हो। सावधिक श्रम शक्ति सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक (पीएलएफएस) की यह रिपोर्ट का संदेश यह है कि भारत...

  • एवरेस्ट भी जलवायु परिवर्तन का मारा!

    इंसान ने 70पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर विजय पताका फहराई थी। लेकिन अब वहा भी जलवायु परिवर्तन का संकट है। गुजरे 60 वर्षों में एवरेस्ट के चारों तरफ मौजूद 79 ग्लेशियरों की मोटाई 100 मीटर घट चुकी है। climate-change:इस हफ्ते दुनिया ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर इनसान के पहुंचने की 70वीं सालगिरह मनाई। न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाल के तेंजिंग नोर्गे 29 मई 1953 को ऐसे पहले मनुष्य बने थे, जिन्होंने दुनिया के सर्वोच्च शिखर पर चढ़ने का गौरव प्राप्त किया था। लेकिन 70वीं सालगिरह पर लोगों ने जितना गर्व महसूस किया, उतनी...

  • भारत असेंबलिंग करेगा या उत्पादन?

    रघुराम राजन ने उचित ही बनाई गई धारणाओं को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि असल में भारत उत्पादन के बजाय असेंबलिंग का केंद्र बनकर उभरा है। मोबाइल कंपनियां बाहर से पाट-पुर्जे लाकर यहां उन्हें असेंबल कर रही हैँ। भारत में इस बात पर सुखबोध का माहौल है कि देश तेजी से मोबाइल फोन के निर्यात का केंद्र बनता जा रहा है। इसे केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) योजना की एक बड़ी सफलता के रूप में पेश किया गया है। हालांकि इस दावे पर पहले भी कई हलकों से सवाल उठाए गए हैं, लेकिन अब भारतीय...

  • कब शांत होगा मणिपुर?

    बेशक कहा सकता है कि आरंभ में केंद्र सरकार मणिपुर में विस्फोटक हो चुकी हालत का सटीक जायजा लेने में नाकाम रही। वरना, अब जो कोशिशें शुरू हुई हैं, उन्हें इस महीने के आरंभ में तभी किया जाता, जब अचानक मणिपुर सुलग उठा था। मणिपुर में महीने भर से जारी हिंसा और आगजनी के बीच आखिरकार गृह मंत्री अमित शाह ने चार दिन का राज्य का दौरा शुरू किया है। इसके पहले सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे राज्य में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए वहां गए थे। यह तो बेशक कहा सकता है कि आरंभ में केंद्र सरकार मणिपुर...

  • विवाद ना उठें, तो बेहतर

    पिछले वर्षों के दौरान नेपाल के साथ जिस तरह भारत के संबंध बिगड़े, उसके बीच यह एक मौका है, जब दोनों देश अपने रिश्तों को एक नई दिशा दे सकते हैँ। यह खबर उम्मीद बंधाने वाली है कि पुष्प कमल दहल अपनी भारत यात्रा को विवादों से दूर रखना चाहते हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की बुधवार से शुरू हो रही भारत कई मायनों में बेहद अहम है। पिछले वर्षों के दौरान नेपाल के साथ जिस तरह भारत के संबंध बिगड़े, उसके बीच यह एक मौका है, जब दोनों देश अपने रिश्तों को एक नई दिशा दे सकते...

  • यह एक नई मुश्किल

    अब खुद वैज्ञानिक कहने लगे हैं कि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून का पूर्वानुमान लगाना कठिन होता जा रहा है। तमाम नई तकनीकें भी इस नई चुनौती से पार पाने में में नाकाम हो रही हैं। इनसान ने अपने अनुभव और बार-बार के परीक्षणों से एक महत्त्वपूर्ण ज्ञान हासिल किया, उनमें एक मौसम का अनुमान लगाना शामिल है। यह ज्ञान कभी दोषमुक्त नहीं रहा। अक्सर अनुमान गलत या उलटे पड़ते रहे। इसके बावजूद गुजरते समय के साथ इनसान का यह कौशल बेहतर हो रहा था। लेकिन अब खुद वैज्ञानिक कहने लगे हैं कि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के...

  • टूटती सहमतियां, बंटती धारणाएं

    प्रधानमंत्री ने 28 मई के दिन को गर्व का दिवस बताया, वहीं विपक्षी नेताओं ने इसका चित्रण लोकतंत्र के अभाव की पुष्टि करने वाले दिन के रूप में किया। कुछ टिप्पणियों में इन घटनाओं को लोक और तंत्र के पूरे संबंध विच्छेद का प्रतीक बताया गया। नई दिल्ली रविवार को दो तरह की कहानियां का गवाह बना। एक तरफ भव्यता और कुछ बड़ा हासिल कर लेने के गर्व का नजारा था। तो वहीं सड़कों पर कभी पूरे देश के गर्व का कारण बने चेहरे पुलिस के डंडों के तले जमीन पर लेटे और फिर पुलिस की हिरासत में नजर आए।...

  • संसद सबका गौरव है

    सत्ताधारी दल के समर्थकों का बड़ा वर्ग भले संसद भवन पर गर्व करे, लेकिन विपक्ष समर्थक और बहुत से निष्पक्ष लोगों के लिए ऐसा करना फिलहाल संभव नहीं हुआ है। मगर यह सूरत बदल सकती है, अगर सरकार संसदीय परंपराओं का सम्मान करती दिखे।    नए संसद भवन के उद्घाटन से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस नई इमारत पर देश के हर नागरिक को गर्व होगा। अब प्रधानमंत्री के पास अपने इस कथन को सचमुच सार्थक और सच साबित करने का मौका है। लेकिन इसके लिए उनकी सरकार को अपने चाल-व्यवहार और सोच में कुछ परिवर्तन लाने...

  • जर्मन अर्थव्यवस्था में मंदी

    जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यह आशंका पहले से थी कि यूक्रेन युद्ध और उस कारण रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों से बनी स्थितियों का बुरा असर उस पर पड़ेगा। अब ऐसा सचमुच हो गया है। जर्मनी की विशेषता यह है कि अभी भी उसकी अर्थव्यवस्था में उत्पादक उद्योग का महत्त्वपूर्ण हिस्सा कायम है। जिस दौर में पश्चिमी देशों ने अपनी पूरी आर्थिक व्यवस्था का वित्तीयकरण कर लिया, जर्मनी ने परंपरागत औद्योगिक ढांचे को कायम रखा। इसी बूते पर वह यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहा है। इसीलिए यह आशंका पहले से थी कि यूक्रेन युद्ध और...

  • ध्यान भटकाने का उपाय

    जिस देश में लगभग 15 प्रतिशत प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक हो,  वहां यह सवाल कतई अहम नहीं हो सकता कि शिक्षक स्कूलों में क्या ड्रेस पहनें। लेकिन भटकी प्राथमिकताओं के इस दौर में सरकारों ने इसी मुद्दे को अहम बना दिया है। भारत में जरूरत स्कूल सहित हर स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की है। शिक्षा देने  वाले या पाने वाले सीखने-सिखाने के दौरान क्या पहनते हैं, यह एक प्रासंगिक मुद्दा है। जिस देश में लगभग 15 प्रतिशत प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक हो, वहां यह सवाल कतई अहम नहीं हो सकता कि शिक्षक स्कूलों में...

  • सौ साल का विवेक

    हेनरी किसिंजर की यह बात गौर करने लायक है कि दुनिया में आज हालात ठीक वैसे हैं, जैसे प्रथम विश्व युद्ध के पहले थे। ठीक उसी तरह एक चिंगारी पूरी दुनिया को युद्ध में झोंक सकती है। हेनरी किसिंजर कल (27) मई को 100 साल के हो जाएंगे। उनके आलोचक आज भी उन्हें एक युद्ध-उन्मादी बताते हैं। एक ऐसा भी तबका है, जो वियतनाम युद्ध में किसिंजर की भूमिका को लेकर उन्हें युद्ध अपराधी बताता है। जबकि दूसरी तरफ उन्हें व्यावहारिक नजरिए वाले ऐसा राजनयिक के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने अपनी सोच और रणनीतियों से दूसरे विश्व युद्ध...

  • गोलबंद होते सियासी मूड

    यह बात लगभग पूरे भरोसे के साथ कही जा सकती है कि देश में भाजपा और उसके विरोध में जनमत अपेक्षाकृत अधिक सघन रूप ग्रहण कर रहा है। इसमें नई बात भाजपा विरोधी जनमत में भाजपा शासन से मुक्त होने का बढ़ रहा संकल्प है। साल भर बाद होने वाले आम चुनाव के बारे में अभी कोई अनुमान लगाना पूरी तौर पर कयासबाजी है। यह अब एक मान्य सिद्धांत है कि हर चुनाव नए हालात और नई व्यूहरचना के बीच लड़ा जाता है। इसलिए अगले साल के आरंभ में क्या माहौल बनेगा (अथवा बनाया जाएगा) और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी...

  • दूरगामी महत्त्व का सहयोग

    यूरेशियन इकॉनमिक यूनियन की ब्रिक्स और एससीओ से निकट तालमेल बनाने की कोशिश का दूरगामी नतीजा हो सकता है। यह कोशिश उस समय और भी महत्त्वपूर्ण नजर आती है, जब ब्रिक्स और एससीओ के विस्तार का एजेंडा आगे बढ़ रहा  है। यूरेशियन इकॉनमिक यूनियन (यूएईयू) का ब्रिक्स और एससीओ से अंतर्संबंध बनाने के  प्रयास के दूरगामी परिणाम हो सकते हैँ। यहां मंगलवार से शुरू हुए दो दिन के यूरेशियन इकॉनमिक फोरम में ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के साथ अंतर्संबंध बनाने पर चर्चा एक प्रमुख एजेंडा है। यूरेशियन इकॉनिक फोरम का आयोजन यूएईयू करता है। यह एक मुक्त व्यापार...

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