पिछले कुछ समय से इस बारे में बात शुरू हो गई थी कि केंद्रीय एजेंसियों खास कर ईडी ने जब भ्रष्टाचार के मामले में राजनीतिक दलों को आरोपी बनाना शुरू कर दिया तो आगे क्या होगा? ईडी ने सबसे पहले शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया क्योंकि एजेंसी का कहना है कि घोटाले के पैसे का इस्तेमाल गोवा में विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए किया गया। चूंकि घोटाले के पैसे का इस्तेमाल पार्टी ने किया है इसलिए पार्टी आरोपी है। इसके बाद एक बैंक घोटाले में केरल में सीपीएम के एक जिला कार्यालय को आरोपी बनाया गया। चूंकि पार्टी के जिला सचिव का नाम घोटाले में आया है और कहा जा रहा है कि घोटाले के पैसे का इस्तेमाल उन्होंने पार्टी कार्यालय चलाने में किया इसलिए पार्टी आरोपी है। अब खबर है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में ईडी ने कांग्रेस का कार्यालय जब्त कर लिया है क्योंकि एजेंसी का कहना है कि शराब घोटाले के पैसे से पार्टी कार्यालय का निर्माण हुआ।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले में ईडी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आरोपी बनाया है। अब ईडी का कहना है कि लखमा ने शराब घोटाले के 65 लाख रुपए का इस्तेमाल पार्टी कार्यालय बनाने में किया इसलिए पार्टी कार्यालय सीज कर दिया गया है। इससे पहले ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी को आरोपी बनाया लेकिन कांग्रेस को आरोपी नहीं बनाया। हालांकि उसमें भी यह संभावना बनी हुई है कि आगे कभी कांग्रेस पार्टी को भी आऱोपी बनाया जा सकता है। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कांग्रेस को दो बैंक खाते सीज कर दिए थे और ऐन चुनाव के समय पैसे का उसका स्रोत बंद कर दिया था। एक सौ करोड़ रुपए से ज्यादा खाते में फंस गए थे। सो, ऐसा लग रहा है कि नेताओं के बाद अब पार्टियों की गले की नस दबाने का अभियान शुरू हो गया है। ईडी पार्टियों को भी आरोपी बनाएगी और उनके कार्यालय से लेकर बैंक खाते तक सब सीज कर देगी।