nayaindia Democracy लोकतंत्र एक हथियार?
बेबाक विचार

लोकतंत्र एक हथियार?

ByNI Editorial,
Share

खुद अमेरिका में लोकतंत्र की सेहत अच्छी नहीं है- तो टीकाकारों ने कहा है कि बेहतर होता कि राष्ट्रपति बाइडन पहले उसे सुधारने पर ध्यान देते, ताकि उसके जरिए वे दुनिया के सामने एक मिसाल पेश कर पाते।

उठे कुछ गंभीर सवालों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रिय आयोजन- लोकतंत्र शिखर सम्मेलन का दूसरा संस्करण शुरू हुआ है। 28 से 30 मार्च तक चलने वाले इस सम्मेलन में वो 121 देश आमंत्रित हैं, जिन्हें अमेरिका लोकतांत्रिक समझता है। पहली बार इस शिखर सम्मेलन का आयोजन दिसंबर 2021 में हुआ था। तब 113 देश बुलाए गए थे। तब भी कई प्रश्न खुद पश्चिमी मीडिया में उठाए गए थे। इस बार ऐसे सवालों की गंभीरता कुछ अधिक बढ़ गई है। मसलन, इस विडंबना की तरफ ध्यान खींचा  गया है कि सम्मेलन को ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश’ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय संबोधित करेंगे, जब कुछ ही रोज पहले उन्होंने अपने आलोचक विपक्षी नेता को संसद से बाहर करवा दिया है। इस क्रम में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के लोकतंत्र संबंधी पैमानों पर भारत की गिरती गई स्थिति का भी उल्लेख किया गया है। इसी तरह इस बात का उल्लेख भी हुआ है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित करने लायक समझा, जबकि वहां की शहबाज शरीफ सरकार की लोकतांत्रिक वैधता लगातार कठघरे में खड़ी है।

दरअसल, ऐसे उदाहरणों की कोई कमी नहीं है। असल में खुद अमेरिका में लोकतंत्र की सेहत अच्छी नहीं है- तो टीकाकारों ने कहा है कि बेहतर होता कि राष्ट्रपति बाइडन पहले उसे सुधारने पर ध्यान देते, ताकि उसके जरिए वे दुनिया के सामने एक मिसाल पेश कर पाते। बिना बेहतर मिसाल को मंच पर रखे आयोजित हो रहे शिखर सम्मेलन में लोकतंत्र की महिमामंडल का बखान कुछ अजीब-सा महसूस होगा। जिस समय फ्रांस की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों से पुलिस बेरहमी के वीडियो दुनिया भर में वायरल हैं, तब कथित तानाशाही देशों को ‘लोकतंत्र शिखर सम्मेलन’ के मंच से दिए गए ताने विश्व जनमत के लिए गले उतारना आसान नहीं होगा। उलटे इससे यह धारणा गहराएगी कि सम्मेलन के आयोजक लोकतंत्र में बिना अपनी किसी आस्था के इस सिस्टम या उसूल को एक हथियार बना रहे हैं, जिससे वे अपने प्रतिद्वंद्वी देशों को पीटना चाहते हैँ। मगर चूंकि यह हथियार देखने में कमजोर लग रहा है, तो संभव है कि उससे प्रतिद्वंद्वी देश चोट महसूस करने के बजाय उलटे ताना देते नजर आएं।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें