नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से कथित तौर पर करोड़ों रुपए की नकदी मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने आंतरिक जांच की रिपोर्ट चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को सौंपी थी। शनिवार शाम चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई।
इस बीच शनिवार को जस्टिस वर्मा को लेकर कुछ और खबरें सामने आईं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में उत्तर प्रदेश की सिम्भावली चीनी मिल में गड़बड़ी के मामले में जस्टिस वर्मा के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। खबरों के मुताबिक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने मिल में गड़बड़ी की शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि चीनी मिल ने किसानों के लिए जारी किए गए 97.85 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया है। जस्टिस वर्मा उस समय कंपनी के गैर कार्यकारी निदेशक थे।
बहरहाल, जस्टिस वर्मा के घर से नकदी मिलने की खबरों में रोज नया मोड़ आ रहा है। अब दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि जज के घर नकदी नहीं मिली है। गौरतलब है कि 21 मार्च को मीडिया में खबर आई थी कि अतुल गर्ग कहा कि जस्टिस वर्मा के घर आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड की टीम ने कोई कैश बरामद नहीं किया था।