नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद पहली बार तालिबान शासन का कोई मंत्री भारत के दौरे पर पहुंचा है। गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी एक हफ्ते की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। अगस्त 2021 में तालिबान शासन स्थापित होने के बाद दोनों देशों के बीच पहली बार कूटनीतिक पहल होती दिख रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी का नई दिल्ली पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत है। हम उनके साथ दोपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत के लिए उत्सुक हैं’। गौरतलब है कि पिछले दिनों अफगानिस्तान के बगराम एयरपोर्ट पर अमेरिका के दावे के खिलाफ भारत ने तालिबान शासन का समर्थन किया था।
इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुत्तकी की यात्रा के दौरान आधिकारिक वार्ता के समय तालिबान के झंडे को लेकर तकनीकी समस्या हो सकती है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को मुत्तकी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात हो सकती है। इस दौरान मुत्तकी के पीछे कौन सा झंडा लगेगा यह समस्या हो सकती है। भारत ने अभी तक तालिबान शासित अफगानिस्तान को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। इसी वजह से भारत ने तालिबान को अफगान दूतावास में अपना झंडा फहराने की अनुमति नहीं दी है। सो, आधिकारिक वार्ता के दौरान झंडा कौन सा लगे यह समस्या आ सकती है।