नई दिल्ली। ऑनलाइन गेम्स पर पाबंदी लगाने वाला विधेयक लोकसभा से पास हो गया। इसे बुधवार को ही सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पेश किया था, जिसे पास कर दिया गया। इसे अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद भारत में जितने भी ऑनलाइन गेम्स हैं, जिनमें पैसे का खेल होता है उन पर पाबंदी लग जाएगी। फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे ड्रीम 11, रमी, पोकर वगैरह सब बंद हो सकते हैं। ध्यान रहे ड्रीम 11 भारतीय क्रिकेट टीम की लीड स्पॉन्सर भी है।
बहरहाल, बुधवार, 20 अगस्त को लोकसभा में प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पेश किया गया और विपक्ष के हंगामे के बीच इसे पास कर दिया गया। ये बिल ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने और रियल मनी गेम्स पर रोक लगाने के लिए है। संसद से कानून बनने के बाद स्किल बेस्ड और चांस बेस्ड सभी गेम्स पर रोक लग जाएगी। कोई भी मनी बेस्ड गेम ऑफर करना, चलाना, प्रचार करना गैरकानूनी होगा। हालांकि बिल में प्रावधान किया गया है कि ऑनलाइन गेम खेलने वालों को कोई सजा नहीं होगी।
बिल के प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई रियल मनी गेम ऑफर करता है तो या उसका प्रचार करता है तो उसे तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन चलाने वालों को दो साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसके लिए एक विशेष प्राधिकरण बनाया जाएगा, जो गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करेगा, गेम्स को रजिस्टर करेगा और ये तय करेगा कि कौन सा गेम रियल मनी गेम है। बताया जा रहा है कि पबजी या फ्री फायर जैसे गेम्स जारी रहेंगे।
सरकार मान रही कि मनी बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग की वजह से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके अलावा धन शोधन और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं। सरकार इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहती है। गौरतलब है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग मार्केट अभी करीब 32 हजार करोड़ रुपए का है। इस उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार के इस कदम से दो लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। इसके अलावा सरकार को हर साल करोड़ों रुपए के टैक्स का नुकसान भी हो सकता है।