ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। साथ ही अदालत ने इस मामले में नोटिस भी जारी किया है। सर्वोच्च अदालत ने डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। इसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार और नौ ओटीटी व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि याचिका एक गंभीर चिंता पैदा करती है। केंद्र को इस पर कुछ कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि ये मामला कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। अदालत ने पिछली सुनवाई के समय कही गई बात दोहराते हुए कहा, ‘ऐसे भी हम पर आरोप हैं कि हम कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देते हैं। फिर भी हम नोटिस जारी कर रहे हैं’।
ओटीटी और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट रोकने की मांग सुप्रीम कोर्ट में
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को लेकर कुछ रेगुलेशन पहले से मौजूद हैं। सरकार और नए नियम लागू करने पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन पेश हुए। गौररतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार से ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
Also Read: दिल्ली सरकार का बड़ा कदम,अब स्कूल की मनमानी खत्म…पैरेंट्स को मिली फीस कंट्रोल की ताक़त