नागपुर। औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए हुए विरोध प्रदर्शन और उसके बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब नागपुर शहर में शांति लौट रही है। नागपुर में सोमवार, 17 मार्च को हुई हिंसा के छह दिन बाद शहर में पूरी तरह से कर्फ्यू हटा लिया गया है। पुलिस कमिश्नर ने रविवार को दोपहर तीन बजे से बाकी बचे कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर पुलिस थाना इलाकों से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनाती के साथ गश्त जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को नागपुर के दौरे पर आने वाले हैं।
इससे पहले 22 मार्च को पचपावली, शांतिनगर, लकड़गंज, सक्करदरा और इमामवाड़ा जबकि 20 मार्च को नंदनवन और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों कर्फ्यू हटा लिया गया था। गौरतलब छत्रपति संभाजीनगर से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन किया था। इस दौरान नागपुर में हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। इस लेकर विवाद हो गया, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया।
मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में हरे रंग की चादर जलाई गई, जिस पर कुरान की आयतें लिखी हुई थीं। हिंसा भड़कने के बाद शहर के 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। हिंसा में डिप्टी पुलिस कमिश्नर स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हिंसा के पांचवें दिन शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ‘हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति बेचकर वसूली जाएगी। जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलाया जाएगा’।