भोपाल। विधानसभा के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है विधानसभा का यह सबसे सीमित बजट सत्र आहूत किया गया था लेकिन इस सीमित सत्र में भी कई प्रकार की असहजता देखने को मिली सत्ताधारी दल के जहां कुछ विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेरा वही विपक्षी दल कांग्रेस एक ही मुद्दे पर बटी नजर आई।
दरअसल, भले ही बजट सत्र सीमित अवधि का हो लेकिन विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने घोषित तिथि तक विधानसभा चलाने का प्रयास किया। इसी कारण 2 दिन की छुट्टी के बाद एक दिन के लिए फिर से विधायक अपने क्षेत्र से आज राजधानी पहुंचेंगे और आज शाम तक विधानसभा चलेगी सत्र भले ही सीमित रहा हो लेकिन संदेश सत्ताधारी दल और विपक्ष को जरूर दे गया। विपक्ष का सर्वाधिक जोर भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाने का रहा। खासकर परिवहन घोटाले पर लगभग 5 दिन किसी न किसी तरह से उठाया गया। हालांकि इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे का जोर अलग-लग रहा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार जहां सदन के अंदर और सदन के बाहर परिवहन घोटाले को उठाते समय पूरा फोकस पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत उनके परिजनों और सहयोगियों पर केंद्रित रहा वही उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के निशाने पर पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह रहे शायद यही कारण था कि मंत्री गोविंद सिंह के निशाने पर उमंग सिंगार रहे वही भूपेंद्र सिंह के निशाने पर हेमंत कटारे रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कुछ महीने पहले चेक पोस्टों पर अवैध वसूली का मुद्दा उठाया जरूर था लेकिन बाद में आक्रामकता नजर नहीं आई हालांकि वे मंत्री पहलाद पटेल द्वारा भिखारी कहे जाने वाले बयान पर जरूर अपने तेवर तल्ख करते रहे और पूरे प्रदेश में इसका विरोध जताने का प्रयास भी किया।
बहरहाल विपक्षी दल कांग्रेस के नेता जहां अपनी डफली अपना राग अलापते रहे वही सत्ताधारी दल के विधायक अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते नजर आए हालांकि उज्जैन में सहस्त्र जमीन अधिकरण के मामले को विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने के 2 दिन बाद ही आलोट के भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को नोटिस जारी किया गया है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की ओर से जारी हुए नोटिस में लिखा गया है कि पिछले कुछ समय से आपके द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर सरकार की आलोचना की जा रही है एवं आपके वक्तव्य और कृतियों से लगातार पार्टी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंच रहा है आपके इस आचरण से सरकार पार्टी की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जो कि अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है चिंतामणि मालवी के ताजा बयानों और कृतियों की वजह से पार्टी की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। चिंतामणि मालवीय को 7 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है।
बहरहाल, विपक्षी दल कांग्रेस के नेता जहां अपनी डफली अपना राग अलापते रहे वही सत्ताधारी दल के विधायक अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते नजर आए हालांकि उज्जैन में सहस्त्र जमीन अधिकरण के मामले को विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने के 2 दिन बाद ही आलोट के भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय को नोटिस जारी किया गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की ओर से जारी हुए नोटिस में लिखा गया है कि पिछले कुछ समय से आपके द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर सरकार की आलोचना की जा रही है एवं आपके वक्तव्य और कृतियों से लगातार पार्टी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंच रहा है। आपके इस आचरण से सरकार पार्टी की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जो कि अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। चिंतामणि मालवी के ताजा बयानों और कृतियों की वजह से पार्टी की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है चिंतामणि मालवीय को 7 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशानुसार आपको सूचित किया जाता है कि इस पत्र की प्राप्ति के 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देवें क्यों ना आपके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाए।
बजट पर बोलते हुए आलोक से विधायक चिंतामणि मालवीय ने कहा था मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 2000 करोड़ रुपए उज्जैन सेहत के लिए रखे हैं उज्जैन उन पर अभिमान करता है उज्जैन उनको अपना नेता मानता है उज्जैन को गर्व है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री उज्जैन से है लेकिन आज उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है क्योंकि सहस्त्र के नाम पर उसकी जमीन पहले 3 से 6 महीना के लिए अधिकृत की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थाई अधिकरण का नोटिस दिया गया है। पता नहीं किस अधिकारी ने यह विचार रखा है कि आध्यात्मिक नगरी बनाएंगे मैं बताना चाहता हूं कि आध्यात्मिक नगरी किसी सिटी में नहीं रहती वह तो त्याग करने वाले लोगों से होती है हम कंक्रीट के भवन बनकर आध्यात्मिक सिटी नहीं बना सकते है। उन्होंने कहा कि सहस्त्र का मुख्य विचार ही तंबू में है क्या हम 4000 हेक्टेयर भूमि में कंक्रीट के भवन बनाएंगे जिन्होंने सब कुछ त्याग दिया है सन्यास ग्रहण कर लिया है। घर परिवार पैसा संपत्ति त्याग दी उनको आप भवनो में बिठाने का काम कर रहे हैं मुझे लगता है कि यह बहुत गलत हो जाएगा। एक अन्य मामले में गृह विभाग के प्रश्नों के उत्तर देते हुए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल विधानसभा में रोते नजर आए कुछ अन्य विधायकों ने भी ऐसे प्रश्न लगाए थे या उठाए थे जिससे सरकार को असहजता महसूस हुई।
कुल मिलाकर आज विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाएगा लेकिन इस सीमित अवधि के सत्र में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष की कुछ भूमिकाओं ने असहजता का एहसास कराया।