नई दिल्ली। मंगलवार को मिली असफलता के बाद दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास रोक दिया है। इस बीच दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़ती जा रही है। बुधवार को पूरे दिन दिल्ली में धूल और धुएं की परत छाई रही। बढ़ते वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए ही दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयास किया था लेकिन कामयाबी नहीं मिली। उसके बाद बुधवार को होने वाली क्लाउड सीडिंग रोक दी गई। दिल्ली में प्रदूषण के रोकने के लिए दिल्ली सरकार पुराने उपाय आजमा रही है। इसके तहत बुधवार को पार्किंग शुल्क दोगुना करने का फैसला किया गया।
गौरतलब है कि क्लाउड सीडिंग में तभी सफलता मिलती है जब हवा में करीब 50 फीसदी नमी हो, जबकि इस समय हवा में नमी 10 से 15 फीसदी के करीब है। इस बीच खबर है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग पर करीब दो करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पर्यावरण विभाग और आईआईटी कानपुर के बीच हुए समझौते के अनुसार, एक ट्रायल पर करीब 64 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं।
दिल्ली में 28 अक्टूबर को दो ट्रायल हुए जबकि पहला पहला टेस्ट 23 अक्टूबर को हुआ था। तीनों ही ट्रायल सफल नहीं हो पाए। गौरतलब है कि मंगलवार, 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मेरठ से से स्पेशल विमान सेसना ने उड़ान भरी थी। विमान ने दिल्ली में खेकड़ा, बुराड़ी, मयूर विहार इलाके में छह हजार फीट की ऊंचाई पर बादलों में दोपहर दो बजे केमिकल छिड़का। बताया गया कि ट्रायल के चार घंटे के अंदर कभी भी बारिश हो सकती है, लेकिन रात तक बारिश नहीं हुई। इस वजह से बुधवार का ट्रायल रोक दिया गया।


