राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

सत्ता बदलने की साजिश था दिल्ली दंगा

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपना हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है। इसमें पुलिस ने कहा है कि दंगे अचानक नहीं भड़के थे, बल्कि एक साजिश के तहत दंगा भ़ड़काया गया था। इसकी टाइमिंग को लेकर उस समय भी सवाल उठे थे क्योंकि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय पूर्वी दिल्ली के कई हिस्सों में दंगे हुए थे।

दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि 2020 के दिल्ली दंगे कोई अचानक भड़की हिंसा नहीं थे, बल्कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन करने की साजिश के तहत किए गए थे। इसका मकसद देश को कमजोर करना था। पुलिस ने गुरुवार को 177 पन्नों का एक हलफनामा कोर्ट में दायर किया। गौरतलब है कि इस मामले के आरोपियों उमर खालिद और शरजील इमाम आदि की जमानत याचिकाओं पर 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को हलफनामा दायर करने के लिए दो हफ्ते का समय देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद पुलिस ने गुरुवार को हलफनामा दायर कर दिया। अब इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

पुलिस ने हलफनामे में कहा है कि, जांच में मिले गवाहों के बयान, दस्तावेज और तकनीकी सबूत बताते हैं कि यह दंगे नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ विरोध को हथियार बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कराए गए थे। पुलिस का कहना है कि इस साजिश के तहत देश भर में हिंसा फैलाने की कोशिश हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, केरल और कर्नाटक जैसे राज्य भी शामिल थे। पुलिस ने बताया है कि उमर खालिद और शरजील इमाम साजिशकर्ता थे, जिन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया।

गौरतलब है कि ये आरोपी पांच साल से जेल में बंद हैं। दिल्ली पुलिस इनकी जमानत का विरोध कर रही है। ये आरोपी हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली पुलिस ने हलफनामा दायर करने के लिए दो हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। अब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पुलिस के हलफनामे पर सुनवाई करेगा। उसके बाद आरोपियों की जमानत पर फैसला आएगा।

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *